दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने में शामिल होंगे अण्णा हजारे : योगेंद्र यादव

दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने में शामिल होंगे अण्णा हजारे : योगेंद्र यादव

अण्णा हजारे की फाइल फोटो

भोपाल:

चुनाव विश्लेषक और शिक्षाशास्त्री योगेंद्र यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले अण्णा हजारे अगले माह 27 फरवरी से दिल्ली में दो दिवसीय धरने में शामिल होंगे।

समाज की यात्रा है 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' 
आम आदमी पार्टी (आप) से निष्कासित किए गए यादव ने संवाददाताओं से कहा, 'स्वराज संकल्प अभियान द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में आयोजित धरना आंदोलन में अण्णा हजारे भी शामिल होंगे।' उन्होंने बताया कि इस धरने में जस्टिस हेगड़े और प्रशांत भूषण भी शामिल होंगे। उन्होंने 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' पर कहा, 'यह समाज की यात्रा है।' यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बगैर कहा कि इस यात्रा में कुछ लोग पेड़ की छाया में बैठ जाते हैं, कुछ थक जाते हैं और कुछ कुर्सी पर बैठ जाते हैं।

बुंदेलखंड में सूखे से लोगों की हालत चिंताजनक
यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में सुखे की स्थिति है, अगर इस साल पर्याप्त बारिश नहीं हुई और इससे निपटने के कारगर उपाय नहीं किए गए तो वहां अकाल की स्थिति होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि स्वराज अभियान (आप से निष्कासित नेताओं द्वारा बनाया गया समूह) के 30 सदस्यों के दल ने पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में दतिया, टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर, सागर, और दमोह जिलों के लगभग 30 से 40 गांवों का दौरा किया है।

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में सूखे के कारण लोगों की हालत चिंताजनक है, क्योंकि इस इलाके में विभिन्न कारणों से लगातार चौथे साल किसानों की फसलें तबाह हो गई। इस बार रबी के चालू सीजन में बड़ी संख्या में किसानों ने यहां फसले नहीं बोई हैं। उन्होंने दावा किया कि इलाके में अधिकांश पानी के स्रोत सूख चुके हैं तथा घास और चारे की कमी के चलते मवेशियों की हालत भी खराब है। इस स्थिति में किसानों और पशुपालकों द्वारा मवेशियों का त्याग किया जा रहा है।

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यादव ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पहल पर केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा बुंदेलखंड के लिए दिया गया 7,000 करोड़ रुपये का पैकेज बेकार चला गया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड बेरोजगारी, लोगों के पलायन, और मनरेगा के तहत काम की कमी से गंभीर रूप से ग्रसित है।