जाधव मामले पर अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने पत्रकारों से बातचीत की. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर गुरुवार को आए अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश को लेकर भारत की तरफ से कहा गया कि यह जाधव को न्याय दिलाने की दिशा में पहला कदम है. साथ ही भारत ने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान ने जाधव के अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय नियमों का हनन किया है और उसे बचाने की पूरी कोशिश की जाएगी. उन्होंने यह भी साफ किया कि नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने वाला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का आदेश पाकिस्तान पर 'बाध्यकारी' है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद को आश्वस्त किया है कि सरकार वह हर संभव प्रयास करेगी, जिससे जाधव को न्याय मिले और उनके जीवन की रक्षा की जा सके. आज किए गए ट्वीट में भी मंत्री ने इसी बात को दोहराया.
बागले ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने भारत के अनुरोध पर दिए गए आदेश में पाकिस्तान को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे सारे कदम उठाए, जोकि इस मामले में संभव है. जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत सुनाया गया मत्युदंड तक तक क्रियान्वित नहीं किया जाएगा, जब कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आता. साथ ही कोर्ट ने पाकिसतान से कहा है कि वह बताए कि इस आदेश को लागू करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा, हम इस आदेश को इय नजरिये से देखते हैं कि पाकिस्तान ने जाधव के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय नियमों का जो हनन किया है, उसे सही करने की दिशा में यह पहला कदम है. आशा है कि पाकिस्तान इस पर अमल करे. कोर्ट के इस आदेश से भारत ने राहत की सांस ली है. हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश का सम्मान करेगा.
जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वियना समझौते के अनुसार भारत ने पहले ही इसकी कई बार मांग की हुई है और अगर पाकिस्तान चाहता है तो वह कभी भी काउंसलर एक्सेस दे सकता है.
पाकिस्तान द्वारा आईसीजे के इस फैसले को मानने या न मानने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान नहीं मानेगा तो हम कानून का पालन करते हैं... हम सभी को अंतरराष्ट्रीय बाध्यता का पालन करना चाहिए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद को आश्वस्त किया है कि सरकार वह हर संभव प्रयास करेगी, जिससे जाधव को न्याय मिले और उनके जीवन की रक्षा की जा सके. आज किए गए ट्वीट में भी मंत्री ने इसी बात को दोहराया.
बागले ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने भारत के अनुरोध पर दिए गए आदेश में पाकिस्तान को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे सारे कदम उठाए, जोकि इस मामले में संभव है. जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत सुनाया गया मत्युदंड तक तक क्रियान्वित नहीं किया जाएगा, जब कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आता. साथ ही कोर्ट ने पाकिसतान से कहा है कि वह बताए कि इस आदेश को लागू करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा, हम इस आदेश को इय नजरिये से देखते हैं कि पाकिस्तान ने जाधव के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय नियमों का जो हनन किया है, उसे सही करने की दिशा में यह पहला कदम है. आशा है कि पाकिस्तान इस पर अमल करे. कोर्ट के इस आदेश से भारत ने राहत की सांस ली है. हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश का सम्मान करेगा.
जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वियना समझौते के अनुसार भारत ने पहले ही इसकी कई बार मांग की हुई है और अगर पाकिस्तान चाहता है तो वह कभी भी काउंसलर एक्सेस दे सकता है.
पाकिस्तान द्वारा आईसीजे के इस फैसले को मानने या न मानने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान नहीं मानेगा तो हम कानून का पालन करते हैं... हम सभी को अंतरराष्ट्रीय बाध्यता का पालन करना चाहिए.
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