नई दिल्ली: भारत सरकार 31 अगस्त तक देश के इतिहास में पहली बार कारोबार की दृष्टि से अच्छे माहौल वाले राज्यों की सूची जारी करने जा रही है। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि यह पहल 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम के तहत की जा रही है और इस सूची को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक राज्यों की रैंकिंग के लिए आठ मापदंड तय किए गए हैं, जिनमें सबसे ऊपर है 'कारोबार शुरू करना', फिर नंबर आता है 'ज़मीन का आवंटन और निर्माण की अनुमति' का। तीसरा मापदंड 'पर्यावरण की मंज़ूरी' से जुड़ा है, और चौथा है 'मज़दूरों से जुड़े कायदे-कानून'।
पांचवें नंबर पर 'बुनियादी सुविधाएं' हैं, और इनके अलावा मापदंडों की सूची में 'फैक्टरियों का मुआयना', 'कर-संबंधित मामले' और 'सरकारी कायदे-कानूनों पर अमल' भी शामिल हैं। वाणिज्य मंत्रालय को उम्मीद है कि सूची के आने से राज्यों में प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी और वे अपने यहां नया कारोबार लगाने के लिए उत्साहित होंगे।
दरअसल, यह पहल भारत सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत पूरे देश में नए कारोबार लगाने के लिए मौजूदा माहौल में आधारभूत बदलाव कर भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाए जाने की योजना है, और इसके लिए बेहद ज़रूरी है कि राज्य भी अपने काम करने के तौर-तरीकों को जल्दी बदलें। रणनीति राज्यों में काम करने वाले अधिकारियों की सोच बदलने की भी है, जिससे वे बदलाव की प्रक्रिया में अड़चन पैदा न करें।
वर्ल्ड बैंक की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक 'आसान कारोबारी माहौल' के मामले में भारत फिलहाल दुनिया में 142वें नंबर पर है। एनडीए सरकार भारत को इस सूची में पहले 50 देशों में शामिल कराना चाहती है।