कोरोना टीकाकरण अभियान में फर्जी नाम और पहचान वाले लोगों को अलग करेगा आधार

राज्यों से कहा गया है कि वे टीका लेने और देने वालों के साथ कौन सी वैक्सीन दी जा रही है, इसका डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाए.

कोरोना टीकाकरण अभियान में फर्जी नाम और पहचान वाले लोगों को अलग करेगा आधार

टीकाकरण में छद्म व्यक्ति की पहचान में आधार जरूरी दस्तावेज है.

नई दिल्ली:

भारत में टीकाकरण अभियान (Covid Vaccine Drive) की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंचने के साथ केंद्र सरकार ने छद्म नाम या पहचान से टीका लगवाने वाले या फर्जीवाड़ा रोकने के इंतजाम भी पुख्ता करने शुरू कर दिए हैं. केंद्र ने राज्यों को आधार समेत उन संसाधनों और दस्तावेजों के बारे में बताया है, जो अभियान की सफलता के लिए जरूरी हैं. 

केंद्र और राज्यों के अधिकारियों की रविवार को वर्चुअल मीटिंग हुई, जिसमें मुख्य तौर पर कोविन सॉफ्टवेयर (Cowin Software) की खासियतों के बारे में बताया गया. इस ऐप का इस्तेमाल अभियान को पूरा करने में किया जाएगा.आज की बैठक की अध्यक्षता टेक्नोलॉजी एंड डाटा मैनेजमेंट के आधिकारिता प्राप्त समूह के अध्यक्ष रामसेवक शर्मा ने की. सभी राज्यों के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए. शर्मा वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन कोविड-19 के राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के सदस्य भी हैं.

कोविन (Co-WIN) ऐप में टीका लेने वाले सभी लोगों का डाटा रहेगा और इसके जरिये टीकाकरण अभियान की रियल टाइम निगरानी भी का जा सकेगी. राज्यों को किसी भी नए बदलाव की तुरंत जानकारी भी भेजी जा सकेगी. कोविन ऐप अभी अधिकारियों द्वारा ही इस्तेमाल किया जा रहा है. जल्द ही इसे आम जनता के पंजीकरण के लिए भी खोल दिया जाएगा.
बैठक में चर्चा का मुख्य विषय प्रॉक्सी यानी छद्म नाम वाले लोगों का रहा. अधिकारियों को इस बात के लिए अलर्ट रहने को कहा गया कि कोई किसी अन्य की जगह पर टीका न लेने पाए.

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फर्जी पहचान या नाम के जरिये किसी भी तरह की फर्जीवाड़ा इसमें न हो पाए. इसके लिए केंद्र ने  उन सभी लोगों से मोबाइल नंबर आधार से लिंक करने को कहा है, जिन्हें निकट भविष्य में टीका लगना है.इससे न केवल कोविन ऐप (Cowin App) पर पंजीकरण आसान होगा, बल्कि SMS के जरिये जानकारी पहुंचाने में भी दिक्कत नहीं होगी.