पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि देश को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक सोची समझी रणनीति की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उदारीकरण की नीतियों की नींव पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखने की जरूरत है. सिंह यहां एक निजी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि गरीबी, सामाजिक असमानता, सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरवाद और भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं.
GDP दर में गिरावट को लेकर पी चिदंबरम का मोदी सरकार पर निशाना, 5% का इशारा किया और फिर CBI...
उन्होंने कहा, 'इस समय हमारी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती दिखती है. जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आ रही है. निवेश की दर स्थिर है. किसान संकट में हैं. बैंकिंग प्रणाली संकट का सामना कर रही है. बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमें एक अच्छी तरह से सोची समझी रणनीति की जरूरत है.' उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को आतंकवाद रोकना चाहिए, भिन्न विचारों वाली आवाजों का सम्मान करना चाहिए और सरकार के हर स्तर पर संतुलन लाना चाहिए.
आर्थिक मंदी पर सुशील मोदी का बेतुका बयान, कहा - हर साल सावन भादो के महीने में मंदी होती है
उन्होंने कहा, 'उदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखना समय की मांग की है.' राजस्थान से राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि आने वाले समय में लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए देश को ज्ञानवान, सिद्धांतवादी व और दूरदर्शी नेताओं की जरूरत है.
Video: गिरती अर्थव्यवस्था के लिए मनमोहन सिंह ने सरकार की नीतियों को बताया जिम्मेदार
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं