प्रतीकात्मक फोटो
पणजी (गोवा):
गोवा में महिला सशक्तीकरण की दिशा में सकारात्मक संकेत देखने को मिला है । दरअसल राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में यह पाया गया है कि राज्य में लगभग 94 प्रतिशत (93.8 प्रतिशत) महिलाओं की घर के फैसलों में भागीदारी होती है।
एनएफएचएस आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 का एक हिस्सा है जिसे यहां चल रहे राज्य विधानसभा सत्र के दौरान पेश किया गया। हालिया सर्वेक्षण के आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि पिछले दशक से इस बार घर के फैसले लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।
वर्ष 2005-06 के दैरान 91.1 प्रतिशत महिलाओं को अपने घर के फैसलों में बोलने का अधिकार था जो एनएफएचएस 2015-16 के दौरान अब बढ़कर 93.8 प्रतिशत (94.5 प्रतिशत शहरी क्षेत्र और 92.6 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र) हो गया है। इसके अलावा, तटीय राज्य में वैवाहिक हिंसा में भी कमी आई है।
एनएफएचएस में यह पता चला कि 12.9 प्रतिशत महिलाओं ने वैवाहिक हिंसा की सूचना दी, जबकि इससे पहले के दशक में 16.8 प्रतिशत महिलाओं ने ऐसी सूचना दी थी। इसके अतिरिक्त, राज्य में 33.9 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना खुद का घर है या अन्य के साथ संयुक्त रूप से घर पर मालिकाना हक है।
सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि पुरूषों और महिलाओं के बीच एचआईवी एड्स को लेकर जागरूकता भी बढ़ी है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एनएफएचएस आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 का एक हिस्सा है जिसे यहां चल रहे राज्य विधानसभा सत्र के दौरान पेश किया गया। हालिया सर्वेक्षण के आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि पिछले दशक से इस बार घर के फैसले लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।
वर्ष 2005-06 के दैरान 91.1 प्रतिशत महिलाओं को अपने घर के फैसलों में बोलने का अधिकार था जो एनएफएचएस 2015-16 के दौरान अब बढ़कर 93.8 प्रतिशत (94.5 प्रतिशत शहरी क्षेत्र और 92.6 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र) हो गया है। इसके अलावा, तटीय राज्य में वैवाहिक हिंसा में भी कमी आई है।
एनएफएचएस में यह पता चला कि 12.9 प्रतिशत महिलाओं ने वैवाहिक हिंसा की सूचना दी, जबकि इससे पहले के दशक में 16.8 प्रतिशत महिलाओं ने ऐसी सूचना दी थी। इसके अतिरिक्त, राज्य में 33.9 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना खुद का घर है या अन्य के साथ संयुक्त रूप से घर पर मालिकाना हक है।
सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि पुरूषों और महिलाओं के बीच एचआईवी एड्स को लेकर जागरूकता भी बढ़ी है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं