विज्ञापन
This Article is From May 17, 2020

देश में कोविड-19 के 80 फीसदी मामले 30 निगम क्षेत्रों से

कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों के लगातार बढ़ने के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों और उन 30 निगम क्षेत्रों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक की जिनका योगदान देश के कुल कोविड-19 मामलों में करीब 80 प्रतिशत है.

देश में कोविड-19 के 80 फीसदी मामले 30 निगम क्षेत्रों से
देश में संक्रमण के कुल मामले 85,940 हैं जिनमें से बीते 24 घंटे के दौरान 3,970 मामले सामने आए हैं.
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों के लगातार बढ़ने के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों और उन 30 निगम क्षेत्रों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक की जिनका योगदान देश के कुल कोविड-19 मामलों में करीब 80 प्रतिशत है. इस दौरान पुराने शहर के इलाकों, शहरी झुग्गियों, प्रवासी कामगारों के शिविरों और घनी आबादी वाले इलाकों में निगरानी पर जोर दिया गया. बैठक के दौरान ठीक होने के प्रतिशत में सुधार के लिये मरीज की समय पर पहचान और इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई)/सांस के गंभीर संक्रमण पर ध्यान देने पर जोर दिया गया.

स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन और स्वास्थ्य मंत्रालय में विशेष कार्याधिकारी राजेश भूषण ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही राज्यों के प्रधान स्वास्थ्य सचिवों, निगम आयुक्तों, जिलाधिकारियों व 30 निगम क्षेत्र के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. ये 30 निगम क्षेत्र महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब और ओडिशा के हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान कोविड-19 से निपटने के लिए अधिकारियों और नगर निगमों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई. बैठक के दौरान शहरी बस्तियों में कोविड-19 के प्रबंधन से जुड़े नए दिशानिर्देशों की जानकारी भी साझा की गई.

देश भर में अब तक 30,150 लोग बीमारी से ठीक हो चुके हैं और बीते 24 घंटे की बात करें तो 2,233 मरीज ठीक हुए हैं जो एक दिन में ठीक होने वालों की सबसे ज्यादा संख्या है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इससे ठीक होने की दर अब 35.09 प्रतिशत हो गई है. देश में संक्रमण के कुल मामले 85,940 हैं जिनमें से बीते 24 घंटे के दौरान 3,970 मामले सामने आए हैं.

बैठक के दौरान जिलों में कोविड-19 संक्रमण के बारे में एक प्रस्तुति भी दी गई, जिसमें उच्च जोखिम वाले कारक, पुष्टि दर, मृत्यु दर, आंकड़ों के दोगुना होने की दर, प्रति 10 लाख पर जांच आदि सूचकांक थे. निगम अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी गई कि निषिद्ध और बफर जोन तय करते समय किन कारकों को ध्यान में रखना है.

बयान में कहा गया कि अधिकारियों को सलाह दी गई कि इलाका जिला प्रशासन या स्थानीय शहरी निकाय द्वारा उचित तरीके से परिभाषित होना चाहिए जिसमें स्थानीय स्तर पर तकनीकी जानकारी हो. इसमें कहा गया कि निषिद्ध जोन और उसके आस-पास के बफर जोन को सही तरीके से रेखांकित किया जाना चाहिए जिससे कोरोनावायरस प्रसार की श्रृंखला को तोड़ा जा सके.

मामलों के दोगुना होने की उच्च दर, उच्च मृत्यु दर और निषिद्ध क्षेत्र में मामलों की पुष्टि की उच्च दर जैसे सूचकांकों के संदर्भ में अधिकारियों को इनके संभावित मूल कारणों के बारे में जानकारी देने के साथ ही अनुशंसित संभावित कार्रवाई के बारे में भी बताया गया.

बयान में कहा गया कि स्वास्थ्य सचिव ने कोविड-19 के मामलों को रोकने और उनके प्रबंधन के साथ ही शहरी इलाकों में कोविड-19 से इतर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं जैसे आरएमएनसीएच+ एन देखभाल, कैंसर का इलाज, टीबी निगरानी, टीकाकरण प्रयास तथा आगामी मानसून के मौसम को देखते हुए मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम पर भी ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) की बैठक के लिए रियाद पहुंचे एस जयशंकर, जानें क्यों भारत के लिए है महत्वपूर्ण
देश में कोविड-19 के 80 फीसदी मामले 30 निगम क्षेत्रों से
"सरकार बनी तो लौटा देंगे" : कश्मीर जाकर राहुल गांधी ने क्या किया बड़ा वादा?
Next Article
"सरकार बनी तो लौटा देंगे" : कश्मीर जाकर राहुल गांधी ने क्या किया बड़ा वादा?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com