राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. पायलट ने ट्वीट कर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिंधिया ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से अपने को अलग करने का रास्ता अपनाया. चीजों को पार्टी के अंदर आपसी सहयोग से हल किया जा सकता था. मध्यप्रदेश के कद्दावर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए हैं. ज्योतिरावदित्य सिंधिया और सचिन पायलट राहुल गांधी की टीम के अहम हिस्सा रहे हैं और दोनों ही अपने-अपने राज्यों में सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जाते हैं. लेकिन इनको दरकिनार कर मध्य प्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में अशोक गहलोत को सीएम बना दिया गया. दोनों ही नेताओं के अपने-अपने राज्यों में मुख्यमंत्रियों से अच्छे रिश्ते नहीं थे और अक्सर अपनी सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं. सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद अब सचिन पायलट के भी हर बयान पर बारीक नजर रखी जा रही है.
5 बड़ी बातें
- सचिन पायलट का जन्म 7 सितंबर 1977 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था. उनके पिता राजेश पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में मंत्री थे. साल 2004 में उन्होंने सारा अब्दुल्ला से शादी और उनके दो बेटे हैं.
- सचिन पायलट दिल्ली के सेंट स्टीफेंस से ग्रेजुएशन किया है उन्होंने गाजियाबाद की आईएमटी और अमेरिका से एमबीए की डिग्री ली है.
- सचिन पायलट ने बीबीसी के दिल्ली ऑफिस से भी कुछ दिन जुड़े रहे और फिर जनरल मोटर्स में भी नौकरी की.
- साल 2004 में वह 14वीं लोकसभा के लिए चुन गए. 26 साल की उम्र में वह सबसे युवा सांसद चुने गए. साल 2009 में भी वह 1वीं लोकसभा के लिए चुने गए.
- साल 2004 में गृहमंत्रालय की संसदीय समिति के सदस्य बने. साल 2006 में उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य बने. साल 2009 में सचिन पायलट को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया. इसके बाद उनको साल 2012 में कारपोरेट मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री बने.