सुषमा स्वराज के वो 5 बड़े काम, जिसने दिलाई उन्हें अलग पहचान

प्रखर वक्ता और मृदुभाषी सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने अपने काम के जरिये एक अलग पहचान बनाई. 

सुषमा स्वराज के वो 5 बड़े काम, जिसने दिलाई उन्हें अलग पहचान

सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)

नई दिल्ली :

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) पंचतत्व में विलीन हो गईं. लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में बीजेपी की वरिष्ठ नेता का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने उनके अंतिम संस्कार के रीति रिवाज पूरे किए. सुषमा स्वराज की शख़्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके अंतिम संस्कार के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता तो मौजूद थे ही. इसके अलावा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, रामदास अठावले और शरद यादव सहित विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें अंतिम विदाई दी. सुषमा स्वराज ने यह मुकाम यूं ही नहीं हासिल किया. पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव का मामला हो या फिर सात समंदर पार मुश्किल में फंसे किसी भारतीय की मदद की बात हो, प्रखर वक्ता और मृदुभाषी सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने अपने काम के जरिये एक अलग पहचान बनाई.  

VIDEO: सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए रो पड़े आडवाणी

1 - कुलभूषण जाधव मामले को ICJ में ले जाने का निर्णय
पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले में पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने अहम फैसला सुनाया था. आईसीजे ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर फिर से विचार करने को कहा था. इस फैसले को भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है. हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि जब पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को फांसी की सुनाई और उनसे राजनयिक संपर्क की भारत सरकार की अपील को बार-बार ठुकरा दिया, तब इस मामले में सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने बेहद एग्रेसिव रुख अपनाते और मई 2017 में आईसीजे का दरवाजा खटखटाया और जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने को चुनौती दी. पिछले दिनों भारत को इसमें सफलता मिली.

2 - बतौर विदेश मंत्री एक ट्वीट पर की लोगों की मदद
केंद्र की मोदी सरकार में पिछली बार विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने अपने काम के जरिये एक अलग पहचान बनाई और सात समंदर पार बसे भारतीयों को यह विश्वास दिलाया कि वे किसी भी मुश्किल में हों, भारत सरकार उनकी हरसंभव मदद को हमेशा तत्पर है. बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से जिसने भी सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर पर मदद मांगी, उन्होंने तत्काल मदद उपलब्ध कराने की कोशिश की. पाकिस्तान की जेल में बंद हामिद निहाल अंसारी का मामला तो आपको याद ही होगा. ऑनलाइन दोस्त बनी एक लड़की से मिलने के लिए अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान गए हामिद निहाल अंसारी को वहां जासूसी के इल्ज़ाम में छह बरस तक जेल में रहना पड़ा. उन्हें सैन्य अदालत ने सज़ा सुनाई थी, लेकिन बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों की वजह से वे सकुशल स्वदेश लौट आए.  

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3 - पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया की आसान
पहले पासपोर्ट बनवाना बेहद जटिल काम माना जाता था. इसमें पैसे तो लगते ही थे, लेकिन इससे कहीं ज्यादा दौड़-भाग और वक्त की बर्बादी होती थी. बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस काम को बेहद गंभीरता से लिया और पासपोर्ट बनवाने की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने का निर्णय लिया. पहला काम तो उन्होंने यह किया कि वर्षों से होल्ड फाइल की पेंडेंसी खत्म करने के लिए तीन महीने की समय सीमा निर्धारित कर दी. दूसरा काम उन्होंने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन को सरल बनाने का किया. लेकिन सबसे बड़ा काम जो किया वह यह कि पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को काफी आसान बनाया. पासपोर्ट बनाने के काम में तेजी लाने के लक्ष्य से बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पुलिस वेरीफिकेशन की प्रक्रिया में ढील दी और पासपोर्ट मिलने के बाद वेरीफिकेशन प्रक्रिया पूरी करवाने की व्यवस्था की. इस कदम को काफी सराहा गया. 

4 - फिल्म जगत को दिलाया उद्योग का दर्जा 
सुषमा स्वराज के निधन के बाद तमाम बॉलीवुड स्टार्स ने भी उन्हें अपने-अपने तरीके से याद किया और श्रद्धांजलि दी. दरअसल, इसके पीछे एक बड़ी वजह है. बहुत कम लोग जानते हैं, फिल्म जगत को उद्योग यानी इंडस्ट्री का दर्जा दिलाने का काम सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने ही किया था. बतौर सूचना एवं प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज ने इसकी पहल की और फिल्म जगत की लंबे वक्त से चली आ रही मांग को पूरा किया. इस कदम के बाद फिल्म जगत को लोन लेने में आने वाली अड़चनों से लेकर तमाम मुश्किलों से निजात मिली. 

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5 - लोकसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण शुरू करवाया
वाजपेयी सरकार में बतौर सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने तमाम ऐसे काम किये, जिससे उनकी अलग पहचान बनी. उन कामों में से एक है संसद की कार्यवाही का लाइव प्रसारण. दरअसल, देश की सबसे बड़ी पंचायत की कार्यवाही के लाइव प्रसारण की कवायद लंबे वक्त से चल रही थी, लेकिन तमाम कवायदें सिर्फ फाइलों में सिमटकर रह गईं, लेकिन सुषमा स्वराज जब सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं, तो उन्होंने इस काम को बेहद गंभीरता से लिया और उनके कार्यभार संभालने के कुछ दिनों के अंदर ही लोकसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण शुरू हो गया.  

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