हैदराबाद : दो मुस्लिम औरतों से व्हाट्सएप पर तलाक लिया गया, अब पुलिस में शिकायत दर्ज

हैदराबाद : दो मुस्लिम औरतों से व्हाट्सएप पर तलाक लिया गया, अब पुलिस में शिकायत दर्ज

हीना फातिमा और बहरैन से व्हाट्सएप पर तलाक लिया गया

खास बातें

  • हैदराबाद में दो महिलाओं से व्हाट्सएप पर तलाक लिया गया
  • दोनों महिलाओं का आरोप है कि उन्हें ससुराल से निकाल दिया गया
  • दोनों महिलाओं की शादी सगे भाइयों से हुई जो अमेरिका में रहते हैं
हैदराबाद:

दो मुसलमान महिलाएं जिन्हें अमेरिका में रहने वाले उनके पतियों ने व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए तलाक दे दिया. इन दोनों महिलाओं ने अब अपने ससुराल वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की है कि उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया है. हीना फातिमा और बहरैन नूर - इन दोनों की दो भाइयों से शादी हुई थी और अब उन्हें तलाक से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं और इसलिए यह इस्लाम के कानून के विरुद्ध है.

छह महीने पहले सैयद फयाज़ुद्दीन ने फातिमा को तलाक दे दिया. वह बताती हैं 'हर दिन वह मुझसे बच्चों के वीडियो देखने को बोलता था, उनका हाल चाल पूछता था. फिर एक दिन उसने कह दिया तलाक. उसे बताना होगा कि मैंने क्या गलत किया है. मेरी गलती क्या है. यह सही नहीं है.' फातिमा का आरोप है कि उसे दोनों बेटियों के साथ घर से निकाल दिया गया है.

यह मामला तब सामने आया है जब कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक संविधान पीठ से तीन तलाक की कानूनी वैधता की जांच करने के लिए कहा था. एनडीए सरकार ने जिन चार बिंदुओं पर कोर्ट को सलाह दी थी उसमें से एक यह भी था कि क्या धर्म का अधिकार, औरतों के हक़ पर हावी हो सकता है. ट्रिपल तलाक से जुड़े कई मामले देश भर में देखने को मिल रहे हैं. दिल्ली में ही पिछले हफ्ते एक महिला ने व्हाट्सएप पर तलाक मिलने पर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.

सैयद फयाज़ुद्दीन के भाई उस्मान कुरैशी ने बहरैन नूर से 2015 में ब्याह रचाया था. कुछ महीने बाद कुरैशी अमेरिका चले गए थे. फिर फरवरी में बहरैन के पास व्हाट्सएप पर 'तलाक, तलाक, तलाक' का संदेश आया. लेकिन जब ससुराल वालों ने पिछले हफ्ते बहरैन को घर से बाहर निकाला तो उसने पुलिस में शिकायत करने का फैसला लिया.

पहले दो इन दोनों महिलाओं ने घर के बाहर धरना देकर मांग उठाई कि उन्हें फातिमा के दोनों बच्चों के साथ घर में रहने दिया जाए. इन औरतों के ससुर अब्दुल हाफिज़ का कहना है कि न्यूयॉर्क में रहने वाले उनके बेटों के फैसलों से उनका कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा 'मेरे बेटों ने जरूरी दस्तावेज़ भिजवा दिये हैं.' जब धरने से बात नहीं बनी तो महिलाओं ने पुलिस की मदद लेनी चाही.

पुलिस का कहना है कि पति और ससुराल वालों के खिलाफ शादीशुदा महिला पर अत्याचार, वीभत्सता और हमले का मामला दर्ज हो गया है. पुलिस ने अब्दुल हाफिज़ से यह भी कहा है कि इन महिलाओं को घर से बाहर निकालने से बेहतर होता कि वह इनका और बच्चों का साथ देते. डीसीपी सत्यनारायण बताते हैं 'उनका कहना है कि उन्हें तलाक के कोई पेपर नहीं मिले हैं और व्हाट्सएप पर तलाक शरियत के खिलाफ है. अगर वह तलाक चाहते हैं तो उन्हें इस्लामिक कानून के हिसाब से लेना होगा.'


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