याकूब मेमन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मुंबई बम धमाकों में दोषी याकूब मेमन को 30 जुलाई को फांसी दी जा सकती है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है।
याकूब की दया याचिका पहले ही राष्ट्रपति के पास से खारिज हो चुकी है। इसके साथ इसी साल 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट उसकी पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर चुका है।
हालांकि मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की हुई है, लेकिन कोर्ट की तरफ से उसकी फांसी पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है।
याकूब मेमन को 2007 में टाडा कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ की गई अपील हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास पहले ही खारिज हो चुकी है।
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि वह मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों का मुख्य षडयंत्रकारी था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मौत की सजा का सामना कर रहे 10 अन्य दोषी समाज के कमजोर वर्ग के थे, उनके पास रोजगार नहीं था और वह लोग मुख्य षड्यंत्रकारियों के ‘गुप्त इरादों’ के शिकार बन गए।
कोर्ट ने कहा था ‘मेमन और अन्य भगोड़े (दाउद इब्राहिम तथा अन्य) मुख्य षड्यंत्रकारी थे, जिन्होंने इस त्रासद कार्रवाई की साजिश रची थी। 10 अपीलकर्ता सिर्फ सहयोगी थे, जिनकी जानकारी उनके समकक्षों की तुलना में बहुत कम थी। हम कह सकते हैं कि उसने (याकूब ने) और अन्य फरार आरोपियों ने निशाना लगाया जबकि शेष अपीलकर्ताओं के पास हथियार थे।
1993 में मुंबई में हुए धमाकों में 260 से अधिक लोगों की मौत हुई थी जबकि 700 लोग जख्मी हुए थे।
याकूब को फांसी जल्द?
-1993 मुंबई धमाकों में दोषी
-धमाकों के मास्टरमाइंड टाइगर मेमन का भाई
- 27 जुलाई 2007: आपराधिक साज़िश का दोषी साबित
- टाडा कोर्ट ने मौत की सज़ा सुनाई
-बॉम्बे हाइकोर्ट, SC ने राहत की याचिका ख़ारिज की
-राष्ट्रपति ने भी दया याचिका ख़ारिज की
-9 अप्रैल 2015: SC ने पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की
-SC में क्यूरेटिव पिटिशन पर फांसी से पहले सुनवाई संभव
-SC ने फांसी पर रोक नहीं लगाई है, इसलिए फांसी संभव
-फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में है याकूब
याकूब की दया याचिका पहले ही राष्ट्रपति के पास से खारिज हो चुकी है। इसके साथ इसी साल 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट उसकी पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर चुका है।
हालांकि मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की हुई है, लेकिन कोर्ट की तरफ से उसकी फांसी पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है।
याकूब मेमन को 2007 में टाडा कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ की गई अपील हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास पहले ही खारिज हो चुकी है।
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि वह मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों का मुख्य षडयंत्रकारी था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मौत की सजा का सामना कर रहे 10 अन्य दोषी समाज के कमजोर वर्ग के थे, उनके पास रोजगार नहीं था और वह लोग मुख्य षड्यंत्रकारियों के ‘गुप्त इरादों’ के शिकार बन गए।
कोर्ट ने कहा था ‘मेमन और अन्य भगोड़े (दाउद इब्राहिम तथा अन्य) मुख्य षड्यंत्रकारी थे, जिन्होंने इस त्रासद कार्रवाई की साजिश रची थी। 10 अपीलकर्ता सिर्फ सहयोगी थे, जिनकी जानकारी उनके समकक्षों की तुलना में बहुत कम थी। हम कह सकते हैं कि उसने (याकूब ने) और अन्य फरार आरोपियों ने निशाना लगाया जबकि शेष अपीलकर्ताओं के पास हथियार थे।
1993 में मुंबई में हुए धमाकों में 260 से अधिक लोगों की मौत हुई थी जबकि 700 लोग जख्मी हुए थे।
याकूब को फांसी जल्द?
-1993 मुंबई धमाकों में दोषी
-धमाकों के मास्टरमाइंड टाइगर मेमन का भाई
- 27 जुलाई 2007: आपराधिक साज़िश का दोषी साबित
- टाडा कोर्ट ने मौत की सज़ा सुनाई
-बॉम्बे हाइकोर्ट, SC ने राहत की याचिका ख़ारिज की
-राष्ट्रपति ने भी दया याचिका ख़ारिज की
-9 अप्रैल 2015: SC ने पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की
-SC में क्यूरेटिव पिटिशन पर फांसी से पहले सुनवाई संभव
-SC ने फांसी पर रोक नहीं लगाई है, इसलिए फांसी संभव
-फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में है याकूब
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