
जयललिता की फाइल फोटो
बेंगलुरु:
बेंगलुरु सिटी पुलिस ने कर्नाटक हाईकोर्ट के एक किलोमीटर के दयरे में सोमवार सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक धारा 144 लगा दिया है।
सोमवार यानी 11 मई को ख़ास तौर पर गठित अवकाशकालीन बेंच के जज जस्टिस सीआर कुमारस्वामी तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की आपील पर फैसला सुनाएंगे।
कर्नाटक के एक विशेष ट्रायल कोर्ट ने करीब 19 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में चार साल की कैद और 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी। इस फैसले के ख़िलाफ़ जयललिता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अपील की थी।
जयललिता को सजा के ऐलान के बाद बेंगलुरु के सेंट्रल जेल में रखा गया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत देने से इनकार कर दिया था, हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत दी, जो की 12 मई को खत्म हो रही है, यानी उनकी अपील पर फैसला आने के एक दिन के बाद।
बेंगलुरु पुलिस के सेंट्रल ज़िले के डीसीपी संदीप पाटिल ने जानकारी दी कि हाई कोर्ट के इर्द गिर्द धारा 144 लगाने के अलावा सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए है। दूसरे पुलिसकर्मियों के अलावा दो डीसीपी, पांच एसीपी और 20 इंस्पेक्टर्स को ख़ास तौर पर तैनात किया गया है।
हाई कोर्ट के आसपास नारेबाजी करने और पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह पाबंदी होगी और इस पर नज़र रखने के लिए सादे लिबास में पुलिस वाले भी तैनात रहेंगे। कोर्ट के अलावा बेंगलुरु शहर और कर्नाटक तमिलनाडु सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।
बेंगलुरु की विशेष ट्रायल कोर्ट ने जयललिता के साथ-साथ उनकी सहयोगी एन शशिकला, जे इलावरासी और दत्तक पुत्र वी एन सुधाकरन को भी चार-चार साल की सज़ा और 10-10 लाख रुपये के जुर्माना लगाया था।
सोमवार यानी 11 मई को ख़ास तौर पर गठित अवकाशकालीन बेंच के जज जस्टिस सीआर कुमारस्वामी तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की आपील पर फैसला सुनाएंगे।
कर्नाटक के एक विशेष ट्रायल कोर्ट ने करीब 19 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में चार साल की कैद और 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी। इस फैसले के ख़िलाफ़ जयललिता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अपील की थी।
जयललिता को सजा के ऐलान के बाद बेंगलुरु के सेंट्रल जेल में रखा गया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत देने से इनकार कर दिया था, हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत दी, जो की 12 मई को खत्म हो रही है, यानी उनकी अपील पर फैसला आने के एक दिन के बाद।
बेंगलुरु पुलिस के सेंट्रल ज़िले के डीसीपी संदीप पाटिल ने जानकारी दी कि हाई कोर्ट के इर्द गिर्द धारा 144 लगाने के अलावा सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए है। दूसरे पुलिसकर्मियों के अलावा दो डीसीपी, पांच एसीपी और 20 इंस्पेक्टर्स को ख़ास तौर पर तैनात किया गया है।
हाई कोर्ट के आसपास नारेबाजी करने और पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह पाबंदी होगी और इस पर नज़र रखने के लिए सादे लिबास में पुलिस वाले भी तैनात रहेंगे। कोर्ट के अलावा बेंगलुरु शहर और कर्नाटक तमिलनाडु सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।
बेंगलुरु की विशेष ट्रायल कोर्ट ने जयललिता के साथ-साथ उनकी सहयोगी एन शशिकला, जे इलावरासी और दत्तक पुत्र वी एन सुधाकरन को भी चार-चार साल की सज़ा और 10-10 लाख रुपये के जुर्माना लगाया था।
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