पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ होने पर देश को संबोधित किया और कहा कि 21 अक्टूबर को भारत ने100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है. इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है, इसलिए ये सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है. दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना और वैक्सीन खोजना आसान था, क्योंकि वे पहले से ही इसमें महारत हासिल किए हुए थे. भारत इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर था. आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं. भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है.
100 करोड़ वैक्सीन ने बीमारी के दौरान उठ रहे हर सवाल का जवाब दे दिया है
पीएम मोदी ने आगे कि लेकिन इसमें एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहां से की. भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? कई सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज हर सवाल का जवाब दे रही है.
कोरोना संकट काल के 19 महीनों में दसवीं बार पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया.
- 19 मार्च 2020 को पहला संबोधन, जनता कर्फ्यू का ऐलान
- 24 मार्च 2020 को दूसरा संबोधन, 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान
- 3 अप्रैल 2020 को तीसरा संबोधन, बिजली बंद कर दीपक जलाने का आव्हान ताकि स्वास्थ्यकर्मियों का उत्साह बढ़ाया जा सके
- 14 अप्रैल 2020 को चौथा संबोधन, तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान
- 12 मई 2020 को पाँचवा संबोधन, 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज घोषित
- 30 जून 2020 को छठा संबोधन, अन्न योजना का नवंबर तक विस्तार करने का ऐलान
- 20 अक्तूबर 2020 को सातवां संबोधन, वैक्सीन आने तक नागरिकों से लापरवाही न बरतने का आग्रह
- 20 अप्रैल 2021 को आठवां संबोधन, कहा कोविड नियमों का पालन हो तो लॉकडाउन जरूरी नहीं
- 7 जून 2021 नौवां संबोधन, वयस्कों को मुफ्त वैक्सी देने का ऐलान
- आज दसवां संबोधन, सौ करोड़ टीकों पर
वैक्सीनेशन अभियान में VIP कल्चर हावी नहीं होने दिया
पीएम मोदी ने कहा कि सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन' का अभियान शुरू किया. गरीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता. इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर VIP कल्चर हावी न हो. हमारे लिए लोकतंत्र का मतलब है-‘सबका साथ'. भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा है. वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है. हम सभी के लिए गर्व करने की बात है कि भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम, Science Born, Science Driven और Science Based रहा है.
वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपनाएं
उन्होंने आगे कहा कि पीएम जैसे स्वच्छ भारत अभियान, एक जनआंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, वोकल फॉर लोकल होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा. मैं आपसे फिर ये कहूंगा कि हमें हर छोटी से छोटी चीज, जो मेड इन इंडिया हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा.
त्योहारों में कोरोना के प्रति लापरवाह नहीं होना है
उन्होंने आखिर में देश की जनता से आग्रह किया कि कवच कितना ही उत्तम हो, आधुनिक हो, सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तब भी जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते. हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है. देश बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना जानता है, लेकिन इसके लिए हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है.हमें लापरवाह नहीं होना है.
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