
About Coronavirus Disease 2019 (COVID-19): चीन (China Virus) से निकला कोरोना वायरस (Coeronavirus) साउथ कोरिया और ईटली के रास्ते भारत में भी दस्तक दे चुका (Corona Virus In India) है. कहीं व्हट्सएप्प के माध्यम से उसका इलाज बताया जा रहा है तो कुछ लोग मास्क और हैंड सैनीटाइजर (Hand Sanitizer) जमा करने में लग गए हैं. देश में कुल 31 मामले सामने (Coronavirus Cases) आ चुके हैं जिसमें से ताजा मामला है दिल्ली का, एक व्यक्ति जो हाल में थाईलैंड की यात्रा कर वापस लौटा था. इन खबरों के बीच ही बहुत सी गलत और तथ्य से दूर बातों का भी प्रचार हो रहा है. तो चलिए कोरोना वायरस से जुड़े ऐसे ही मिथ्स को करते हैं दूर. डब्यूएचओ की रिपोर्ट, हेल्थ एक्सपर्ट्स और ताजातरीन शोध के सभी बिंदुओं को एकत्रित कर देखें तो कुछ बातें सामने आई हैं जिससे चीजें काफी हद तक समझ आ सकती हैं-
कोरोनावायर से जुड़ी वो 5 बातें जो जानना हर किसी के लिए है जरूरी (What You Really Need to Know About Coronavirus)
1. 75-80 फीसदी मामले उन लोगों के हैं जो कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के सीधे संपर्क में आए, यानी मरीज के मित्र और परिवार के लोग जो उनके आस पास रहे.
2. कोरोना वायरस के मरीजों में लक्षण की बात करें तो 88 फीसदी को बुखार, 68 फीसदी को खांसी और कफ, 38 फीसदी को थकान, 18 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 14 फीसदी को शरीर और सिर में दर्द, 11 फीसदी को ठंड लगना और 4 फीसदी को डायरिया होना प्रमुख है. गौर फरमाने वाली बात ये है कि रनिंग नोज यानी नाक बहना कोरोना वायरस के मरीजों में मिला ही नहीं. और फिलहाल भारत में नाक बहने वालों में कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा डर है.
3. मेनलैंड चाइना की बात करें तो कोरोना वायरस मरीजों में मृत्यु दर 2 फीसदी के लगभग है जो सार्स 10 फीसदी, स्वाइन फ्लू 4.5 फीसदी और इबोला 25 फीसदी से कहीं कम है. और कोरोना वायरस से पीड़ित होने के बाद ठीक होने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है.
4. 9 साल तक के बच्चों में 0 फीसदी मृत्यु दर, 10-39 वर्ष तक के लोगों में 0.2 फीसदी मृत्यु दर, 40-49 वर्ष तक के लोगों में 0.4 फीसदी, 50-59 वर्ष तक के लोगों में 1.3 फीसदी, 60-69 वर्ष तक के लोगों में 3.6 फीसदी, 60-69 वर्ष तक के लोगों में 3.6 फीसदी, 70-79 वर्ष तक के लोगों में 8 फीसदी, 80 से ज्यादा वर्ष के लोगों में 14.8 फीसदी, अगर आपने ये आंकड़ें समझे तो साफ है कि बढ़ती उम्र, कम होती इम्युनिटी और पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर ये वायरस ज्यादा असर करता है.
5. पिछले तमाम वायरसों से कमजोर होने के बावजूद कोरोना वायरस का डर जनता में सबसे ज्यादा है, जिसका कारण है सोशल मीडिया पेनीट्रेशन जो अब सस्ते डेटा और फोन्स के कारण ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच चुका है. लगभग 2 बिलियन लोग व्हाट्सप्प पर हैं और 1.69 बिलियन लोग फेसबुक पर, और इन प्लेटफॉर्म्स पर कोरोना को लेकर तमाम अफवाहें, वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से फैलाई जा रही हैं. (इनपुट-आईएएनएस)
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