हम सभी ने राजस्थानी दाल बाटी चूरमा का मजा लिया होगा, क्रिस्पी बाटी के साथ टैंगी दाल और उस पर देसी घी खाने में बहुत ही मजेदार लगती है. यह अपने आप में एक बहुत ही बढ़िया भोजन है. लेकिन, जब मध्यप्रदेश के दाल बाफला की बात आती है तो इस व्यंजन को अपेक्षाकृत कम जाना जाता है. दाल बाफला लगभग दाल बाटी और बिहारी लिट्टी चोखा के समान ही है. आटे से बनी एक बॉल को बेक करके दाल के साथ परोसा जाता है. जो चीज इन्हें अलग बनाती है वह है सामग्री और पकाने की विधि.
दाल बाफला अजवाइन, हल्दी और नमक के साथ गेहूं के आटे और मक्का के आटे को मिलाकर बनाया जाता है. सिर्फ पानी के साथ आटा गूंधने के बजाय, इसे एक अतिरिक्त घटक के रूप में घी को मिलाकर इसे तैयार किया जाता है. इसे बाफला के आटे को नरम और चिकनी बनावट मिलती है और आटा अच्छी तरह मिक्स हो जाता है. आम धारणा के विपरीत, बाफला तला हुआ या ग्रील्ड नहीं होता, बल्कि इसे पहले पानी में उबाला जाता है. बाफला को तब तक पकाया जाता है जब तक कि यह पानी पर तैरने न लगे और तब ही इसे ओवन में 200 डिग्री के तापमान पर ग्रिल किया जाता है.
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अब हम बाफला के साथ परोसी जाने वाली दाल की बात करते हैं, इसे आमतौर पर तूर या अरहर दाल के रूप में जाना जाता है. इस दाल को पकाने के लिए पारंपरिक रूप से घरेलू शैली का ही इस्तेमाल किया जाता है, इसमें तड़का दिया जाता है, जिसमें देसी घी की अच्छी खासी मात्रा होती है. कुरकुरी बाफला को एक बाउल में लगाएं और इसके ऊपर तैयार की हुई दाल डालकर गर्मागर्म सर्व करें. यकीन मानिए यह डिश आपके घर में हर किसी को पसंद आएगी, तो चलिए डालते हैं एक नजर दाल बाफला की बेहतरीन रेसिपी पर.
दाल बाफला बनाने के लिए वीडियो देखें:
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