
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने विश्व कैंसर दिवस पर सोमवार को ट्वीट कर कहा कि मानव मस्तिष्क किसी भी बीमारी पर जीत पा सकता है. पर्रिकर का पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज चल रहा है. बीते साल फरवरी में गोवा के मुख्यमंत्री पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर की पहचान हुई थी. वह गोवा, मुंबई, न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं. पर्रिकर वर्तमान में नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं. मुख्यमंत्री पर्रिकर ने 30 जनवरी को राज्य विधानसभा में 2019-20 का वार्षिक बजट पेश किया. इसके बाद इसी दिन उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के एम्स में भर्ती किया गया. वह कुछ दिनों तक एम्स में भर्ती रह सकते हैं.
गोवा कैंसर सोसाइटी के संयुक्त सचिव डॉ. शेखर सालकर के अनुसार, पर्रिकर ने सभी कैंसर मरीजों के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश किया है. सालकर ने कहा, "मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर में हम जानलेवा कैंसर के खिलाफ लड़ने वाला एक मजबूत इच्छाशक्ति वाला व्यक्ति देखते हैं! कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सिर्फ एक विजेता हो सकता है. यह या तो मरीज हो सकता या कैंसर! उन्होंने सभी कैंसर मरीजों के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित किया है."

पर्रिकर ने सभी कैंसर मरीजों के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश किया है.Photo Credit: iStock
एक पोषण विशेषज्ञ का कहना है कि कैंसर को खुद से दूर रखने के लिए ग्रीन टी, कुरकुमीन, अनार और फूलगोभी जैसे पॉलीफेनॉल से भरपूर सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें. अस्वस्थकारी खाना खाने की आदत से कैंसर हो सकता है. मुख्य चीजों में हम जो खा सकते हैं उनमें इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों में विशेष रूप से पॉलीफेनॉल के संबंध में हो सकता है.
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वैज्ञानिक रूप से साबित हो चुका है कि पॉलीफेनॉल तत्वों से समृद्ध खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट और उत्तेजक विरोधी प्रभाव होते हैं, जिससे अन्य फायदों के साथ कम न्यूरोडिजनरेशन, धीमी गति से उम्र बढ़ने और एंटी-कैंसरोजेनेसिस शामिल होता है. पॉलीफेनॉल के संबंध में खराब आहार स्तन कैंसर, अग्नाशयी, गर्भाश्य, त्वचा, प्रोस्टेट, आंत और एसोफेगस कैंसर समेत अन्य तरह के कैंसर का अधिक जोखिम रहता है. कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के द्वारा डॉक्टर अग्नाशय कैंसर का इलाज करते हैं. लेकिन क्या हो कि आप अपने खाने से जुड़ी आदतों में कुछ बदलाव करें और कैंसर के खतरे को कम कर सकें. जी हां, यह सच है. अगर आप अपने आहार में कुछ सेहतमंद बदलाव करते हैं, तो अग्नाशय या पैंक्रियाटिक कैंसर के खतरे को काफी कम कर सकते हैं-
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1. ब्रोकली: पैनक्रीएटिक कैंसर की रोकथाम के लिए ब्रोकोली को अच्छा माना जाता है. ब्रोकली में फायटोकेमिकल होता है जो कैंसर टिशूज से फाइट करने में मददगार होता है. ब्रोकली एक बहुत अच्छा एंटी ऑक्सीडेंट साबित होती है और इसके साथ ही साथ यह ब्लड प्यूरिफाई करने में भी मददगार है.
2. जिनसेंग: जड़ी बूटियां हमेशा ही सेहत के अच्छी बताई जाती हैं. इन्हीं में से एक है जिनसेंग. जिनसेंग काफी फायदेमंद साबित होता है. इसके सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. हालांकि यह जड़ी बूटी पुरुषों के लिए कई शीघ्रपतन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए काफी प्रचलित है. असल में जिनसेंग एक बूटी है. बहुत ही पुराने समय से इसका इस्तेमाल पारंपरिक चीनी (Chinese) चिकित्सा में होता आ रहा है. जिनसेंग में कई औषधीय गुण हैं. जिनके चलते अब यह पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय हो गई है. यह टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) को बढ़ावा देता है. जिनसेंग को कैंसर के इलाज में भी कारगर माना जाता है.
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3. अंगूर: पैंक्रियाटिक कैंसर के खतरे को अगर कम करना चाहते हैं तो अपने आहार में अंगूर शामिल करें. इस छोटे से फल में भरपूर मात्रा में पोरंथोसाईंनिडींस पाया जाता है. पोरंथोसाईंनिडींस से शरीर में एस्ट्रोजेन बनता है जो पैंक्रियाटिक और फेफड़ों के कैंसर के खतरे को भी कम करता है.
4. ग्रीन टी: अगर आप रोज एक कप ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो अग्नाशय कैंसर का खतरा कम होता है.
5. जूस : अगर आप आहार में ताजा फल, फलों का जूस शामिल करते हैं तो यह कैंसर के खतरे को कम करता है.
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