Eid-Milad-Un-Nabi-Eid: आज यानी 21 नवंबर को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी है. देश भर में ईद-ए-मिलाद-उन नबी 20 और 21 नवंबर को मनाई गई. ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को ईद-ए-मिलाद (Eid-Ul-Milad) के नाम से भी जाना जाता है. इस्लाम धर्म के लिए यह दिन बेहद खास है. क्योंकि इसी दिन इस्लाम के संस्थापक पैगंबर हजरत मोहम्मद (Prophet Mohammed) का जन्म हुआ था. माना जाता है कि हजरत मोहम्मद खुदा के पैगंबर थे. उन्होंने खुदा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया. उनका जन्म इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल (Rabi' al-awwal) में होता है. इस दिन कई मुस्लिम देशों में राष्ट्रीय अवकाश (National Holiday) होता है. भारत में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. भारत के अलावा यह श्रीलंकर, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, नाइजीरिया, फ्रांस, इटली, जर्मनी और रशिया में मनाया जाता है. इस दिन घरों, मस्जिदों और बाजारों को सजाया जाता है, मजलिसें लगाई जाती हैं, पैगंबर मोहम्मद के संदेशों को पढ़ा जाता है.
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ईद-मिलाद-उन-नबी 2018 का महत्व - Eid Milad un Nabi 2018 Significance
मिलाद (Milad or Mawlid) के दिन मुसलमान पैगंबर हजरत मोहम्मद को याद किया जाता है. ईद उन मिलाद हर देश में अलग-अलग दिन पड़ सकती है. लेकिन आम तौर पर यह इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल (Rabi' al-awwal) के 12वें या 17वें दिन मनाया जाता है. ज्यादातर सुन्नी मुस्लिम्स में रबी के 12वें दिन ईद-ए-मिलाद मनाई जाती है. वहीं, शिया मुस्लिम इसे रबी के 17वें दिन मनाते हैं. (Read- Constipation: कब्ज को दूर करेंगे ये 8 उपाय और घरेलू नुस्खे)
बीबीसी के अनुसार इस दिन परिजन अपने बच्चों को पैगंबर हजरत मोहम्मद की कहानियां सुनाते हैं. यह दिन मुस्लिम समाज के लिए सामाजिक समारोह, जलसों और जनसमुहों का होता है. इस दिन मुसलमान पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्म की खुशियां मनाई जाती हैं, उनकी शिक्षाओं को याद किया जाता है और दुआ की जाती है.
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Eid Milad un Nabi 2018: थरिड या थरिडा को बनाने की कोई खास विधि या रेसिपी नहीं है
ईद-मिलाद-उन-नबी पर फूड और दावत - Eid Milad un Nabi Food and Feast
Prophet Mohammed Birthday Celebration: ईद आए और दावत न हो... भला यह तो संभव नहीं. ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर मस्जिदों, घरों में रातभर लोग दावतें देते हैं और पैगमंबर मोहम्मद को याद कर दुआएं करते हैं. इस दौरान (Eid Milad un Nabi) अलग-अलग तरह का खाना बनाया जाता है. तूनिसीया में, जोकि उत्तरी अफ़्रीक़ा महाद्वीप में एक अरब राष्ट्र है, में एक खास चीज बनाइ्र जाती है. यह शहद, स्मेन (एक तरह का मक्खन) और ड्यूरम से तैयार की जाती है. इसके साथ ही साथ ईद-मिलाद पर और भी कई तरह की मिठाई परोसी जाती है. इनमें बकलावा (Baklava, बकलवा), चावल और ड्यूरम पुडिंग होती हैं. थरिड या थरिडा, जोकि अरब व्यंजनों का एक सूप है, भी परोसा जाता है. यह शोरबा, स्ट्यूड मांस और रोटी के टुकड़ों से तैयार किया जाता है. (Read- Eid 2018: हो जाएं ईद के लिए पार्टी रेडी, झट से और मस्ट से बनाएं ये लजीज पकवान...)
थरिड या थरिडा को बनाने की कोई खास विधि या रेसिपी नहीं है. इसमें पड़ने वाली सामग्री भी बनाने वाले अपनी पसंद के अनुसार ही बदल देते हैं. यह दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बनाया जाता है. इसमें मीठापन लाने के लिए आम तौर पर शहद का इस्तेमाल किया जाता है.
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