
Chhath Puja 2020: छठ के महापर्व को खासतौर पर बिहार, पूर्वी उत्तर प्रेदश और झारखंड में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. छठी मइया, के चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है. आज शाम को सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. इसे संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है. छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य दिया जाता है. सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य कार्तिक शुक्ल की षष्ठी के दिन दिया जाता है. डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा केवल छठ में ही है. माना जाता है कि अर्घ्य देने से पहले बांस की टोकरी को फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू और पूजा के सामान से सजाया जाता है. सूर्यास्त से कुछ समय पहले सूर्य देव की पूजा होती है फिर डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर, पांच बार परिक्रमा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सायंकाल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है. सूर्य उपासना का यह महापर्व कठिन तपस्या से कम नहीं माना जाता. इसमें व्रत करने वाले 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं, और सूर्य भगवान और उनकी बहन छठी मईया की उपसना करते हैं. 21 नवंबर शनिवार को उगते सूर्य शुरू को प्रात: कालीन अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन होगा.
चावल लड्डू रेसिपीः
चावल के लड्डू विशेष अवसरों पर बनाए जाते हैं. छठ पूजा के अवसर पर भी चावल के लड्डू बनाए जाते हैं. चावल के लड्डू बहुत ही टेस्टी डिश है, जिसे हर कोई खाना पसंद करता है. छठ पूजा में ठेकुआ और चावल के लड्डू को विशेष रूप से बनाया जाता है. चावल के लड्डू सभी जगह बहुत प्रसिद्ध है. और हर कोई खाना पसंद करता है. तो चलिए आज हम आपको चावल के लड्डू बनाने की विधि बताते हैं.

चावल के लड्डू बहुत ही टेस्टी डिश है,
सामग्रीः
2 कप कोई भी चावल
3 कप पिसी हुई चीनी
1/2 कप घी
सूखे मेवे, आवश्यकतानुसार
लंग कैंसर क्या है, यह कैसे होता है, लंग कैंसर क्यों होता है? इन सारे सवालों के जवाब पाने के लिए देखें ये वीडियोः
विधिः
1. सबसे पहले चावल को धो लें और उसका पानी एकदम से छान लें.
2. धूप में अच्छी तरह से सुखा लें, और अगर आप के पास धुला व सुखा हुआ है तो आप उसे इस्तेमाल कर सकते हैं.
3. एक पैन लें उसमें चावल डालें और धीमी आंच पर सूखा भूनें.
4. चावल को ठंडा होने पर मिक्सर ग्राइंडर में पीस लें.
5. चावल का पाउडर लें, और उसमें पिसी हुई चीनी मिला लें.
6. फिर उसमें धीरे धीरे पिघला घी डालते हुए सभी को मिक्स करें.
7. हाथो की सहायता से लड्डू बनाएं,
8. आपके लड्डू बनकर तैयार हैं.
छठ से जुड़ी पौराणिक कथाः
माना जाता है कि छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की अराधना की जाती है. व्रत करने वाले मां गंगा और यमुना या किसी नदी या जलाशयों के किनारे आराधना करते हैं. इस पर्व में स्वच्छता और शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. वहीं, पुराणों में मां दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी देवी को भी छठ माता का ही रूप माना जाता है. छठ मइया को संतान देने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि ये व्रत संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना के लिए रखा जाता है.
छठ महापर्व अर्घ्य का शुभ मुहूर्तः
(पहला अर्घ्य)
20नवंबर शाम 05:26 (दिल्ली में)
(दूसरा अर्घ्य)
21नवंबर सुबह 06:49 (दिल्ली में)
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
फूड की और खबरों के लिए जुड़े रहें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं