
हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व माना जाता है देशभर में आज अनंत चतुर्दशी मनाई जा रही है. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है. अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन लोग व्रत भी रखते हैं. भगवान विष्णु की पूजा के बाद अनंत सूत्र बांधा जाता है. ये सूत्र रेशम या फिर सूत का होता है. इस सूत्र में 14 गांठें होती हैं. स्त्रियां दाएं हाथ और पुरुष बाएं हाथ में अनंत सूत्र धारण करते हैं. माना जाता है कि अनंत सूत्र पहनने से सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं. साथ ही इसी दिन गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) भी किया जाता है. भक्त धूमधाम से नाचते गाते हुए गणपति बप्पा को 10 दिन के बाद विदा कर देते हैं. इस दौरान माहौल गणपति बप्पा मोरया की ध्वनी से गूंज उठता है. इस दिन को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है.
अनंत चतुर्दशी का व्रत 01 सितंबर दिन मंगलवार को है. यह व्रत हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होता है. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा होती है और अनंत चौदस की कथा सुनी जाती है
अनंत चतुर्दशी पूजा का महत्वः Importance of Anant Chaturdashi Puja
अनंत चतुर्दशी पर अनंत स्वरुप की पूजा की जाती है तो वहीं अनंत सूत्र में लगी गांठें चौदह भगवान विष्णु द्वारा बनाए गए 14 लोकों का प्रतीक होती हैं. माना जाता है कि यह सूत्र हर संकट से मनुष्य की रक्षा करता है. यदि हरि अनंत हैं, तो 14 गांठ हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों की प्रतीक हैं. माना जाता है कि विष्णु जी ने सृष्टि के आरंभ में चौदह लोकों की रचना की थी जिनमें, सत्य, तप, जन, स्वर्ग, भुव, भू, अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल और पाताल शामिल हैं. कहा जाता है कि अपने बनाए इन लोकों की रक्षा के लिए ही उन्होंने अलग-अलग 14 अवतार भी लिए थे.

अंनत चतुर्दशी पूजा विधिः Anant Chaturdashi Puja
मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन विष्णु भगवान के अनंत स्वरूप की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. अग्नि पुराणों में अनंत चतुर्दशी के महात्मय का वर्णन मिलता है. इस दिन भक्त व्रत रख कर भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप का पूजन करते हैं.
बसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें और व्रत का संकल्प करें.
इसके बाद अपने मंदिर में एक कलश स्थापित करें. कलश पर अष्ट दलों वाला कमल रखें और कुषा का सूत्र चढ़ाएं. आप चाहें तो भगवान विष्णु की भी पूजा कर सकते हैं. अब कुषा के सूत्र को सिंदूरी लाल रंग, केसर और हल्दी में भिगोकर रखें. इस सूत्र में 14 गांठें लगाकर भगवान विष्णु को दिखाएं.
अंनत चतुर्दशी रेसिपीः Anant Chaturdashi Recipe
भगवान गणेश और भगवान विष्णु को खुश करने के लिए भोग में चढ़ाएं ये खास प्रसाद जो भगवान को खुश कर आपकी हर मनोंकामनाएं पूरी होगी. अंनत चतु्र्दशी और गणेश विसर्जन के दिन बनाएं ये खास रेसिपी.
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1 मोदकः
मगज के मोदक बनाने के लिए सबसे पहले बेसन में 1 बड़ा चम्मच घी और रवा मिला कर भूरा होने तक सेंकें. अब ठंडा करें व भरावन की सभी सामग्री मिला लें. चावल आटा, मैदा, घी, केसर, नमक डाल कर एक साथ गूंथ लें. छोटी-छोटी पतली पूरियां बेलें व मगज के मिश्रण का भरकर सभी मोदक तैयार करें. फिर धीमी आंच पर सुनहरे होने तक तल लें. तैयार मगज के लजीज मोदक से श्री गणेश को भोग लगाएं. मोदक रेसिपी.
2 लड्डूः
लड्डू गणेश और भगनान विष्णु दोनों को ही अधिक प्रिय है कैसे बनाएं मोती लड्डू ये हम आपको बताएंगे यहां है ये रेसिपी
3. श्रीखंडः
श्रीखंड भारत की प्रसिद्ध लोकप्रिय मिठाईयों में से एक है यह दही को मथ कर बनाया जाता हैं. श्री हरि को श्रीखंड का भोग लगा सकते हैं आप कैसे बनाएं यहां पर है ये रेसिपी.
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