जो लोग फिल्म में कुछ ढूंढने की कोशिश करते हैं, या ऐसी फिल्म देखने की शौकीन हैं, जो दुनिया में उथल-पुथल मचा दे, यह फिल्म उनके लिए है।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
इसे आप इंसानों पर लागू करते हैं तो पाते हैं कि हर साल में हम बदल जाते हैं, आप कौन हैं, क्या हैं, ऐसे सवालों का जवाब खोजती फिल्म 'शिप ऑफ थीसस' तीन कहानियों के साथ आगे बढ़ती है।
फिल्म में मुख्य किरदार निभाए हैं, आदिया अल काशिफ, नीरज कांबी और सोहम शाह ने। पहली कहानी है, आलया की, जो एक ऐसी फोटोग्राफर है, जो देख नहीं सकती पर बेहतरीन फोटोग्राफी करती है और आंखें वापस मिल जाने के बाद उनमें बदलाव आता है।
दूसरी कहानी है, एक भिक्षु की, जो अहिंसा में विश्वास रखता है और बीमार होने के बावजूद वे दवाइयां लेने से इनकार करता है और ऑर्गन ट्रांसप्लांट में विश्वास नहीं रखता है, क्योंकि उसे लगता है कि दवाइयों को जानवरों पर अत्याचार करके बनाया जाता है।
तीसरी कहानी है, एक स्टॉक ब्रोकर की, जिसके लिए पैसा ही सब कुछ है। इन तीनों की जिंदगी में एक बहुत बड़ा बदलाव आता है। यह फिल्म कई विवादों से जूझती है, जिससे आप आम जिंदगी में गुजरते हैं। हर किरदार खुद से भी जूझता है। जिंदगी के फलसफों को अलग-अलग नजरिये से पेश करने की कोशिश की गई है। तीनों कहानियां आपको बांधे रखेंगी हालांकि फिल्म को डॉक्यूमेंट्री अंदाज में शूट किया गया है।
जो लोग इसे एंटरटेनिंग और तेज गति की फिल्म समझ रहे हैं, शायद उन्हें निराशा हाथ लगे। हां, जो लोग फिल्म में कुछ ढूंढने की कोशिश करते हैं, या ऐसी फिल्म देखने की शौकीन हैं, जो दुनिया में उथल-पुथल मचा दे, मुझे लगता है यह फिल्म उनके लिए है।
आनंद गांधी का डायरेक्शन काबिल−ए-तारीफ है और सभी अभिनेताओं ने स्वाभाविक अभिनय किया है। आपको तो लगेगा ही नहीं कि ये एक्टिंग कर रहे हैं। कैमरे का काम किरदार की मन:स्थिति महसूस कराता है। इस फिल्म में जो दिखता है, उससे ज्यादा समझने की जरूरत पड़ेगी। इस फिल्म को मेरी ओर से 3.5 स्टार्स।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
शिप ऑफ थीसस, फिल्म समीक्षा, सोहम शाह, आदिया अल काशेफ, विनय शुक्ला, आनंद गांधी, Ship Of Theseus, Movie Review, Aida El-Kashef, Sohum Shah, Neeraj Kabi, Vinay Shukla, Anand Gandhi