हैदराबाद:
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक कम्पनी से मकान खरीदने से सम्बंधित धोखाधड़ी के एक मामले में बुधवार को फिल्म अभिनेत्री जेनेलिया डिसूजा को स्वयं या अपने वकील के जरिए अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। जेनेलिया उस कम्पनी की ब्रांड एम्बेस्डर थीं।
याचिकाकर्ता चट्टा तिरुपतैया के वकील बालाजी ने कहा कि न्यायालय ने कहा है कि 25 अप्रैल को पेश होकर उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि उनका नाम प्राथमिकी में शामिल क्यों न किया जाए।
न्यायालय, तिरुपतैया की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो रियल एस्टेट कम्पनी अंजनीपुत्र इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से एक डुप्लेक्स खरीदने से सम्बंधित था।
तिरुपतैया ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जेनेलिया और कम्पनी के पांच निदेशकों के खिलाफ, डुप्लेक्स का कब्जा देने में विफल रहने के लिए, मामला दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश का पालन नहीं किया।
तिरुपतैया ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने कम्पनी के निदेशकों के खिलाफ तो प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन जेनेलिया को छोड़ दिया।
नामपल्ली अदालत ने तिरुपतैया की याचिका पर पिछले सप्ताह सैफाबाद पुलिस को एक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
तिरुपतैया का आरोप है कि जेनेलिया ने ब्रांड एम्बेस्डर के रूप में उपभोक्ताओं को कम्पनी की तरफ आकर्षित किया और इसलिए इस धोखाधड़ी में उनकी भी एक भूमिका है।
तिरुपतैया के अनुसार, जेनेलिया ने विज्ञापन में यहां तक दावा किया था कि वह कम्पनी में एक निदेशक भी हैं और इस उपक्रम में उन्होंने भूखण्ड खरीदे हैं।
ज्ञात हो कि तिरुपतैया ने रंगारेड्डी जिले के महेश्वरम मंडल में कलवाकोलू गांव में एक भूखण्ड और उसपर एक डुप्लेक्स के निर्माण के लिए 2008 में कम्पनी को 54 लाख रुपये भुगतान किए थे। लेकिन यह भवन अभीतक निर्मित नहीं हुआ।
याचिकाकर्ता चट्टा तिरुपतैया के वकील बालाजी ने कहा कि न्यायालय ने कहा है कि 25 अप्रैल को पेश होकर उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि उनका नाम प्राथमिकी में शामिल क्यों न किया जाए।
न्यायालय, तिरुपतैया की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो रियल एस्टेट कम्पनी अंजनीपुत्र इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से एक डुप्लेक्स खरीदने से सम्बंधित था।
तिरुपतैया ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जेनेलिया और कम्पनी के पांच निदेशकों के खिलाफ, डुप्लेक्स का कब्जा देने में विफल रहने के लिए, मामला दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश का पालन नहीं किया।
तिरुपतैया ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने कम्पनी के निदेशकों के खिलाफ तो प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन जेनेलिया को छोड़ दिया।
नामपल्ली अदालत ने तिरुपतैया की याचिका पर पिछले सप्ताह सैफाबाद पुलिस को एक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
तिरुपतैया का आरोप है कि जेनेलिया ने ब्रांड एम्बेस्डर के रूप में उपभोक्ताओं को कम्पनी की तरफ आकर्षित किया और इसलिए इस धोखाधड़ी में उनकी भी एक भूमिका है।
तिरुपतैया के अनुसार, जेनेलिया ने विज्ञापन में यहां तक दावा किया था कि वह कम्पनी में एक निदेशक भी हैं और इस उपक्रम में उन्होंने भूखण्ड खरीदे हैं।
ज्ञात हो कि तिरुपतैया ने रंगारेड्डी जिले के महेश्वरम मंडल में कलवाकोलू गांव में एक भूखण्ड और उसपर एक डुप्लेक्स के निर्माण के लिए 2008 में कम्पनी को 54 लाख रुपये भुगतान किए थे। लेकिन यह भवन अभीतक निर्मित नहीं हुआ।
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