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This Article is From Jun 07, 2016

फिल्म उड़ता पंजाब और सेंसर बोर्ड के विवाद से केंद्र सरकार ने किया किनारा

फिल्म उड़ता पंजाब और सेंसर बोर्ड के विवाद से केंद्र सरकार ने किया किनारा
अनुराग कश्यप (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: उड़ता पंजाब फिल्म के निर्माता-निर्देशक और सेंसर बोर्ड के बीच जारी विवाद से केंद्र सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से जुड़े सूत्रों ने यह खबर दी है।

बता दें कि सेंसर बोर्ड के आदेश के खिलाफ फिल्म निर्माताओं के पास फिल्म अपीलीय प्राधिकरण के पास जाने का रास्ता खुला है। हाल ही में सेंसर बोर्ड की कैंची के खिलाफ कई फिल्म निर्माताओं ने प्राधिकरण में अपील की है।

केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि सेंसर बोर्ड नियमों के तहत बंधा हुआ है और उसमें तमाम सुधारों की जरूरत है। इसी वजह से केंद्र सरकार ने प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था जिसने सरकार को अपनी रिपोर्ट अप्रैल में ही सौंप दी है। अब सरकार की ओर कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट के जरिए सरकार जल्द सुधार करेगी।

सूत्र बता रहे हैं कि सरकार का कहना है, जहां तक अभिव्यक्ति की आजादी की बात है तो जब तक संविधान में इसका अधिकार सुरक्षित है तब तक यह सभी के पास सुरक्षित है।

उल्लेखनीय है कि फिल्म ‘उड़ता पंजाब’को लेकर जारी सेंसरशिप की तुलना इसके एक निर्माता अनुराग कश्यप ने उत्तर कोरिया के तानाशाहीपूर्ण शासन से की है। कश्यप ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा ‘मुझे हमेशा आश्चर्य होता था कि उत्तर कोरिया में रहने पर कैसा महसूस होगा। अब तो प्लेन पकड़ने की भी जरूरत नहीं है।’ गौरतलब है कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में पंजाब के संदर्भ को लेकर कथित रूप से आपत्तियां जताई हैं जिसके बाद फिल्म में कुछ बदलाव हो सकता है।

 
उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस, आप और अन्य पोलिटिकल  पार्टीज  से  अपील  करना  चाहता  हूं  कि  मेरी  लड़ाई  से  दूर  रहें, यह मेरी लड़ाई है।' 'मेरी लड़ाई  को  राजनितिक  रंग  ना  दें  – क्योंकि यह  लड़ाई राजनितिक नहीं है' 'मेरी  लड़ाई  उस  आदमी  से  है  जो सेंसर  की  कुर्सी  पर  बैठा  है यह मेरा  नार्थ कोरिया है।'
 
  उड़ता पंजाब की टीम की ओर कहा गया है कि 'सेंसर बोर्ड ने हमें नहीं बताया की कितने सीन काटने हैं .. लेकिन वह पंजाब से जुड़े सारे जिक्र हटाने की मांग कर रहे हैं। हम ऑफिसियल चिट्ठी का इंतज़ार कर रहे हैं। अगर CBFCऐसा रुख रखेगी तो हम हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।'

फिल्मकार करन जोहर ने एक ट्वीट कर कहा कि फिल्म जगत को इस मनमानी के खिलाफ एक साथ खड़े होना पड़ेगा। अन्य फिल्मकार हंसल मेहता का कहना है कि क्यों सरकार उन फिल्मों से घबराती है जो सच दिखाती हैं।
महेश भट्ट का कहना है कि सरकार सच नहीं देखना चाहती है। क्या फिल्म बैन करने से सच बदल जाएगा? जावेद अख्तर की राय है कि फिल्म पर इस तरह से सेंसर का रवैया एक खतरनाक शुरुआत है। क्या हम सच से इतना डरते हैं।' निखिल अडवाणी का कहना है कि क्या अब हमें फिल्मों की स्क्रिप्ट्स को सेंसर को सबमिट करना पड़ेगा?

 

17 जून को रिलीज होने जा रही है फिल्म
पंजाब राज्य में मादक पदार्थों के सेवन और युवाओं पर इसके पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव पर बनी ‘उड़ता पंजाब’ में शाहिद कपूर, करीना कपूर खान, आलिया भट और दिलजीत दोसांझ ने मुख्य भूमिका निभाई है। कश्यप ने कहा  ‘उड़ता पंजाब से अधिक ईमानदार और कोई फिल्म नहीं है। और इसका विरोध करने वाला व्यक्ति या पार्टी वास्तव में ड्रग्स को बढ़ावा देने का दोषी है।’ अभिषेक चौबे के निर्देशन में बनी यह फिल्म 17 जून को रिलीज होने जा रही है।

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