अखिलेश यादव ने जैसे ही सपा के कद्दावर नेता और चाचा शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया, उसके कुछ घंटों के भीतर ही शिवपाल ने पलटवार करते हुए अखिलेश का साथ देने के लिए कजिन रामगोपाल को पार्टी से निकाल दिया. सपा में मचे घमासान के बाद पार्टी में विभाजन के कयास जोरों से लगाए जा रहे हैं. इन सबके बीच सोमवार को मुलायम सिंह यादव के विधायकों, सांसदों और शीर्ष नेताओं से मिलने वाले हैं.
पूरे घटनाक्रम से जुड़ी अब तक की 10 अहम बातों पर एक नजर :
शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव पर आरोप लगाते हुए कहा, ''वह षड़यंत्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके बेटे अक्षय यादव और बहू एक घोटाले में घिरे हैं. उनको बचाने के लिए वह बीजेपी के साथ षड़यंत्र कर रहे हैं.'' मंत्रिमंडल से अपनी बर्खास्तगी पर शिवपाल ने कहा कि यह उसी षड़यंत्र का नतीजा है.
आरोपों के जवाब में रामगोपाल ने मुलायम सिंह को खत लिखकर इस आरोप से इनकार किया कि उनके बेटे या परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा, ''सार्वजनिक जीवन में दूसरे दलों के लोगों से भी मुलाकात होती है...ऐसे में यदि मैं कुछ बीजेपी के नेताओं से मिला तो इसके सियासी मायने क्यों निकाले जा रहे हैं?''
रविवार सुबह अखिलेश यादव और मंत्रियों की मुलाकात के बाद शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की घोषणा हुई. शिवपाल के अलावा, मंत्रियों नारद राय, ओमप्रकाश और सैयदा शादाब फातिमा को हटा दिया गया.
माना जा रहा है कि मुलायम सिंह अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में शिवपाल को बेटे अखिलेश पर तरजीह दे रहे हैं. अखिलेश के इस कदम को मुलायम सिंह को जवाब के रूप में देखा जा रहा है.
राज्य कैबिनेट से वरिष्ठ नेता को एक महीने में दो बार बाहर निकालने से इन कयासों को बल मिला है कि पार्टी में विभाजन हो जाएगा. लेकिन अखिलेश यादव ने इसका खंडन करते हुए कहा, ''मुलायम सिंह मेरे पिता है. मैं पूरी जिंदगी उनकी सेवा करुंगा. मैं पार्टी तोड़ना नहीं चाहता.''
अखिलेश समर्थकों ने पार्टी में घमासान के लिए अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराया है. अमर सिंह का नाम लिए बिना वरिष्ठ नेता आजम यादव ने कहा, ''जानते थे कि यह दिन आएगा क्योंकि एक बाहरी व्यक्ति के कारण हमको भारी नुकसान हुआ.''
इस मसले पर बीजेपी की सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने कहा, ''समाजवादी पार्टी यूपी को परिवार की जागीर समझ रही है. यादव परिवार में मचा घमासान सतह पर आ गया है.''
बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने मांग करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए या सदन में अपना बहुमत साबित करना चाहिए.
शनिवार को सुलह कराने के प्रयासों के तहत मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और भाई शिवपाल के साथ मुलाकात की. उसके बाद अखिलेश के करीबी एमएलसी उदयवीर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया.
यादव बनाम यादव के बीच जंग करीब दो महीने से चल रही है. सितंबर में जब शिवपाल ने मुख्तार अंसारी के साथ गठबंधन किया तो उनको मंत्रिमंडल से हटा दिया गया. लेकिन मुलायम के हस्तक्षेप के बाद शिवपाल की मंत्रिमंडल में वापसी हुई.