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आर्थिक समीक्षा 2015-16 : सेवा क्षेत्र का आर्थिक विकास में रहा अहम योगदान, पढ़िए 10 खास बातें

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 पेश किया। इसके अनुसार भारत में सेवा क्षेत्र अब भी देश और राज्‍यों की आमदनी, व्‍यापार प्रवाह, एफडीआई प्रवाह और रोजगार में योगदान के लिहाज से सर्वाधिक प्रमुख क्षेत्र है। पेश हैं आर्थिक सर्वेक्षण की 10 खास बातें-

  1. जीडीपी : आगामी वर्ष में जीडीपी विकास दर 7.0 प्रतिशत से 7.75 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है। समीक्षा में अगले दो वर्षों में विकास दर 8 प्रतिशत से भी अधिक रहने का अनुमान है। 

  2. राजकोषीय घाटा : आर्थिक समीक्षा का मानना है कि 2015-16 के लिए 3.9 प्रतिशत का राजकोषीय घाटा लक्ष्‍य अर्जि‍त किया जाना संभव है।

  3. सेवा क्षेत्र : वर्ष 2015-16 में सकल मूल्‍यवर्धन की वृद्धि में सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग 66.1 प्रतिशत रहा, जिसकी बदौलत यह महत्‍वपूर्ण शुद्ध विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले और एफडीआई (प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश) के प्रवाह की दृष्टि से सर्वाधिक आकर्षक क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आया है।

  4. व्यापार घाटा : अप्रैल-जनवरी, 2015-16 में व्यापार घाटा घटकर 106.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो 2014-15 की इसी अवधि के दौरान 119.6 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा था।

  5. एफडीआई : वर्ष 2014 के दौरान भारत में एफडीआई 34 अरब अमेरिकी डॉलर दर्ज किया गया, जो वर्ष 2013 के मुकाबले 22 प्रतिशत ज्‍यादा है। वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 (अप्रैल-अक्‍टूबर) के दौरान आमतौर पर और मुख्‍यत: सेवा क्षेत्र में एफडीआई के प्रवाह में उल्‍लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

  6. पर्यटन : पर्यटन आर्थिक विकास का एक प्रमुख इंजन और विभिन्‍न तरह के रोजगारों का सृजक है। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक भारत का पर्यटन विकास वर्ष 2015 में विदेशी पर्यटक आगमन (एफटीए) के लिहाज से घटकर 4.5 प्रतिशत और विदेशी मुद्रा आमदनी (एफईई) के लिहाज से घटकर 2.8 प्रतिशत रह गई, जो वर्ष 2014 में एफटीए के लिहाज से 10.2 प्रतिशत और एफईई के लिहाज से 9.7 प्रतिशत थी। हालांकि, घरेलू पर्यटन का अब भी इस क्षेत्र में अहम योगदान देखा जा रहा है, जिससे इसे आवश्‍यक गति निरंतर मिल रही है।

  7. कृषि क्षेत्र : किसानों के लिए स्‍थाई आजीविका और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि क्षेत्र में व्‍यापक बदलाव की जरूरत है। आर्थिक समीक्षा के अनुसार कृषि में उत्‍पादकता बढ़ाने पर बल दिया जाना है।

  8. मीडिया एवं मनोरंजन सेवाएं: आर्थिक समीक्षा के अनुसार, इस उद्योग ने पिछले दो दशकों में अप्रत्‍याशित वृद्धि दर दर्शाई है और इसके साथ ही भारत के सर्वाधिक तेजी से विकसित होने वाले उद्योगों में यह भी शामिल हो गया है। वर्ष 2019 तक 13.9 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ इस उद्योग का कारोबार 1964 अरब रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाने की आशा है।

  9. डाक सेवाएं: इंडिया पोस्‍ट विश्‍वभर में सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है। वित्‍तीय समावेश की दिशा में डाक घर बचत बैंक (पीओएसबी) खातों की संख्‍या 30.86 करोड़ से बढ़कर 33.97 करोड़ के स्‍तर पर पहुंच गई है। 80 लाख से भी ज्‍यादा ‘सुकन्‍या समृद्धि योजना’ खाते खोले गए हैं।

  10. आं‍तरिक व्‍यापार: आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, जीवीए में 10.7 प्रतिशत की हिस्‍सेदारी के साथ 12,31,073 करोड़ रुपये के व्‍यापार एवं मरम्‍मत सेवा क्षेत्र ने वर्ष 2014-15 में 10.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शायी। भारत के रिटेल बाजार के वर्ष 2020 तक बढ़कर 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के स्‍तर पर पहुंच जाने की आशा है और इसके साथ ही भारत विश्‍व का सर्वाधिक तेजी से आगे बढ़ने वाला प्रमुख विकासशील बाजार बन जाएगा।


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