विज्ञापन
This Article is From Jun 05, 2020

स्नान पूर्णिमा: पुरी में भगवान जगन्नाथ के देवस्नान के दौरान पुजारियों ने नहीं किया सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन

देवताओं के स्नान के लिए सुना कुआ से पानी निकाला जाता है. इस दौरान भगवान बलभद्र पर 33 घड़े जल, भगवान जगन्नाथ पर 35 घड़े जल, देवी सुभद्रा पर 22 घड़े जल और भगवान सुदर्शन पर 18 घड़े जल डाला गया. हालांकि, सभी सेवक लगातार मंत्रों का उच्चारण करते रहे. 

स्नान पूर्णिमा: पुरी में भगवान जगन्नाथ के देवस्नान के दौरान पुजारियों ने नहीं किया सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन
शुक्रवार के देवस्नान के दौरान पुजारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो की उड़ाई धज्जियां.
नई दिल्ली:

भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) वार्षिक 'स्नान पूर्णिमा' (Snan Purnima) के अनुष्ठान का आयोजन शुक्रवार को पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर में किया गया. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण भगवान जगन्नाथ के स्नान पूर्णिमा को भक्तों की अनुपस्तिथि में पूरा किया गया लेकिन पुजारियों ने इस दौरान मास्क नहीं पहने और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियमों का भी पालन नहीं किया.

इस अनुष्ठान को करने के लिए सीमित संख्या में सेवकों और पुजारियों की आवश्यकता थी, लेकिन जगन्नाथ स्नान के दौरान के एक एक वीडियो में भारी संख्या में सेवक और पुजारी दिखाई दिए, जो कोविड-19 (COVID-19) के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो का उल्लंघन कर रहे थे. साथ ही कई सेवक पीठासीन देवताओं की प्रतिमाओं के पास भी कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करते हुए नजर आए.

देवताओं को मुख्य मंदिर में लगभग 1:40 बजे चुनिंदा सेवकों द्वारा एक जुलूस में ले जाया गया, जिन्हें अनुष्ठान में भाग लेने से पहले कोरोनोवायरस के टेस्ट से गुजरना पड़ा. भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा, भगवान जगन्नाथ और भगवान सुदर्शन को मंदिर परिसर के अंदर स्नान की वेदी पर बैठाया गया था, जहां मंत्रों का उच्चारण करते हुए उनपर 108 घड़ों से सुगंधित जल डाला गया था. इसे स्नान बेदी भी कहा जाता है. 

देवताओं के स्नान के लिए सुना कुआ से पानी निकाला जाता है. इस दौरान भगवान बलभद्र पर 33 घड़े जल, भगवान जगन्नाथ पर 35 घड़े जल, देवी सुभद्रा पर 22 घड़े जल और भगवान सुदर्शन पर 18 घड़े जल डाला गया. हालांकि, सभी सेवल लगातार मंत्रों का उच्चारण करते रहे. 

पुरी के जिला कलक्टर बलवंत सिंह ने बताया कि जिले में बृहस्पतिवार को रात दस बजे से लेकर शनिवार दोपहर दो बजे तक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू रहेगी. उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ के मंदिर के पास लोगों को एकत्रित होने से रोकने के लिए भारी मात्रा में पुलिस की टुकड़ियां तैनात की गई हैं. कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि भगवान जगन्नाथ के 'स्नान पूर्णिमा' पर्व के दौरान में किसी भी श्रद्धालु को अनुमति नहीं दी जाएगी और सारे धार्मिक कार्य कुछ सेवादारों की उपस्थिति में ही संपन्न होंगे. 

हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुरी के जगन्नाथ मंदिर में पर्व के अवसर पर एकत्रित होते हैं. इस बार अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से टेलीविजन पर पर्व अनुष्ठान का सीधा प्रसारण देखने का आग्रह किया है. सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी देते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक (मध्य रेंज) आशीष सिंह ने कहा कि पुरी में पुलिस की 38 पलटन तैनात की गई हैं और प्रत्येक पलटन में 33 पुलिस कर्मी होंगे. उन्होंने कहा कि केवल सेवादारों और मंदिर के अधिकारियों को ही मंदिर में जाने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे के अलावा स्नान मंडप के पास 20 विशेष कैमरे भी लगाए गए हैं.

(इनपुट भाषा से भी)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com