विज्ञापन
This Article is From Dec 14, 2020

Kharmas 2020: 15 दिसंबर से खरमास प्रारंभ, जानिए इस दौरान नहीं होंगे कौन से शुभ कार्य ?

खरमास का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस समय एक माह के लिए शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है.

Kharmas 2020: 15 दिसंबर से खरमास प्रारंभ, जानिए इस दौरान नहीं होंगे कौन से शुभ कार्य ?
Kharmas 2020: 15 दिसंबर से खरमास प्रारंभ, जानिए इस दौरान नहीं होंगे कौन से शुभ कार्य ?

Kharmas 2020: सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही 15 दिसंबर से खरमास प्रारंभ हो जाएगा. खरमास 14 जनवरी 2021 तक चलेगा. 15 तारीख को रात्रि 9.30 पर सूर्य के धनुराशि में प्रवेश होते ही खरमास प्रारंभ होगा और 14 जनवरी को सुबह 08.15 पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा तब खरमास सम्पत हो जाएगा और पवित्र स्नान दान का मुहूर्त प्रारंभ हो जाएगा. खरमास में विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इस कारण अब एक महीने इन सभी कार्यो पर प्रतिबंध रहेगा.

Somvati Amavasya 2020: आज है सोमवती अमावस्या और साल 2020 का आखिरी सूर्यग्रहण, जानें क्या है महत्व ?

क्या होता है खरमास ?

सूर्य जब-जब बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है तब खरमास होता है क्योंकि सूर्य के कारण बृहस्पति निस्तेज हो जाते हैं. इसलिए खरमास में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं, क्योंकि शुभ कार्यो के लिए बृहस्पति का साक्षी होना आवश्यक है. इस मास में किसी नए कार्य की शुरुआत करना उत्तम नहीं होता है. सगाई, गृह निर्माण प्रारंभ, नवीन गृह प्रवेश आ दि भी नहीं किए जाते हैं.

खरमास में क्या करें ?

खरमास दान-पुण्य के लिए सर्वश्रेष्ठ समय होता है. इस समय में किए गए दान-पुण्य का अधिक फल प्राप्त होता है. इस मास में गरीबों को अन्नदान, भोजनदान, वस्त्र दान आदि करना चाहिए. इससे अशुभ ग्रहों की पीड़ा दूर होती है. यह मास जप-तप आदि के लिए भी उत्तम होता है. इस माह में ईष्ट का ध्यान, पूजन, मंत्र जप सर्वसिद्धिदायक होता है. नवग्रह हवन करने से ग्रह दोष दूर होते हैं.

खरमास में करने योग्य कार्य:

1.अगर कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में हो तो इस स्थिति में भी इस माह में शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

2.नियमित किए जाने वाले शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान में खरमास का कोई बंधन नहीं होता. अत: इस प्रकार के कार्य आप इस माह में कर सकते हैं.

3.सीमान्त, जातकर्म और अन्नप्राशन आदि कर्म पहले से तय होने पर इस अवधि में किए जा सकते हैं.

4.अगर आप गया में किसी का श्राद्ध करने वाले हैं, तो इसमें भी खरमास का कोई बंधन नहीं होता.

5.कोर्ट मैरिज में किसी प्रकार से खरमास बाधक नहीं बनता. अतः कोर्ट मैरिज कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें-

Vat Savitri Vrat 2019: जानें कैसे अपने पति को यमराज से छीन लाईं थी सावित्री, ये है महत्‍व और व्रत कथा

सोमवती अमावस्या पर भी श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे गंगास्नान, एक रात पहले से ही बंद कर दी जाएंगी सीमाएं

सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार में 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगायी पुण्य की डुबकी

Somvati Amavasya 2020: सोमवती अमावस्या पर 20 साल बाद बना ये शुभ योग, जानें पूजा विधि और महत्व

Shani Pradosh Vrat: आज है शनि प्रदोष व्रत, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com