केदारनाथ धाम
उत्तरकाशी:
उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय में केदारनाथ धाम तीन मई को और बद्रीनाथ मंदिर छह मई को श्रद्धालुओं के लिये खुलेंगे. इससे पहले 28 मई को उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये खोल दिये गये जिसके साथ ही सालाना चारधाम यात्रा का भी शुभारंभ हो गया.
उत्तरकाशी जिले में स्थित मां गंगा को समर्पित गंगोत्री मंदिर और मां यमुना को समर्पित यमुनोत्री धाम के कपाट अपराह्न 12.15 बजे वेदों के मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान के साथ श्रद्धालुओं के लिये खोले गये. मां गंगा की मूर्ति लेकर डोली आज प्रात: नौ बजे उनके मायके मुखबा से गंगोत्री पहुंची जहां पंडा-पुरोहित समाज ने उसका भव्य स्वागत किया. सेना के बैंड की सुंदर धुनों के बीच भारी जनसमूह की मौजूदगी में मां गंगा की मूर्ति का श्रंगार कर पंडा पुरोहितों ने पूजा अर्चना कर दोपहर बाद 12.15 बजे उन्हें गर्भगृह में स्थापित कर दिया.
कपाट खुलने के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और गंगोत्री विधायक गोपाल रावत भी मौजूद थे.
वहीं, यमोनोत्री धाम के कपाट भी तीर्थ यात्रियों के लिए खोल दिए गए. इस मौके पर प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत के अलावा सैंकड़ो तीर्थ यात्रियों ने भी मां यमुना की भोगमूर्ति के दर्शन किये.
यात्रा के शुरू होने के अवसर पर महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के सभी धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब हमारे धर्म, संस्कृति व मान्यता से जुड़े है जिनमें देश-विदेश के असंख्य श्रद्धालुओं की आस्था है.
उन्होंने कहा कि आपदा के बाद इन धामों को लेकर हमारे सामने चुनौतियां आयी जिसके कारण यात्रा सुगम नहीं हो पायी. इस चुनौती को अब सरकार ने पूर्ण कर लिया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उत्तरकाशी जिले में स्थित मां गंगा को समर्पित गंगोत्री मंदिर और मां यमुना को समर्पित यमुनोत्री धाम के कपाट अपराह्न 12.15 बजे वेदों के मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान के साथ श्रद्धालुओं के लिये खोले गये. मां गंगा की मूर्ति लेकर डोली आज प्रात: नौ बजे उनके मायके मुखबा से गंगोत्री पहुंची जहां पंडा-पुरोहित समाज ने उसका भव्य स्वागत किया. सेना के बैंड की सुंदर धुनों के बीच भारी जनसमूह की मौजूदगी में मां गंगा की मूर्ति का श्रंगार कर पंडा पुरोहितों ने पूजा अर्चना कर दोपहर बाद 12.15 बजे उन्हें गर्भगृह में स्थापित कर दिया.
कपाट खुलने के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और गंगोत्री विधायक गोपाल रावत भी मौजूद थे.
वहीं, यमोनोत्री धाम के कपाट भी तीर्थ यात्रियों के लिए खोल दिए गए. इस मौके पर प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत के अलावा सैंकड़ो तीर्थ यात्रियों ने भी मां यमुना की भोगमूर्ति के दर्शन किये.
यात्रा के शुरू होने के अवसर पर महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के सभी धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब हमारे धर्म, संस्कृति व मान्यता से जुड़े है जिनमें देश-विदेश के असंख्य श्रद्धालुओं की आस्था है.
उन्होंने कहा कि आपदा के बाद इन धामों को लेकर हमारे सामने चुनौतियां आयी जिसके कारण यात्रा सुगम नहीं हो पायी. इस चुनौती को अब सरकार ने पूर्ण कर लिया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)