आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक राज्य तेलंगाना गठित करने के फैसले से कांग्रेस पार्टी को कोई फायदा दोनों राज्यों की विधानसभा चुनाव में नहीं मिल पाया है, तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और तेलूगु देशम पार्टी (तेदेपा) अकेले दम पर बहुमत हासिल कर क्रमश: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा चुके हैं।
टीआरएस 40 सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है, तथा 23 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इस तरह 119 विधानसभा सीटों वाले राज्य में सरकार बनाने के लिए जरूरी 60 सीटों पर उसे जीत मिलना लगभग तय हो चला है।
इसी तरह 175 विधानसभा सीटों वाले आंध्र प्रदेश में तेदेपा को 64 सीटों पर जीत मिल चुकी है, तथा 55 सीटों पर वह आगे चल रहा है। इस तरह उसे कुल 119 सीटें मिलती दिख रही हैं, जो उसके स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने के लिए पर्याप्त होंगी।
देश के 29वें राज्य के रूप में दो जून को तेलंगाना का गठन किया जाएगा।
इधर, लोकसभा चुनाव की मतगणना रुझानों में भी तेलंगाना में टीआरएस 17 में से पांच सीटें जीत चुका है और छह पर बढ़त बनाए हुए। इस तरह उसकी झोली में कुल 11 सीटें आनीं लगभग तय हो चुकी हैं।
टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव मेडक लोकसभा सीट से 3,97,029 मतों से तथा गाजवेल विधानसभा सीट पर 19391 मतों से जीत गए।
कांग्रेस को हालांकि तेलंगाना को पृथक राज्य का दर्जा देने का उतना फायदा नहीं मिल पाया है और वह विधानसभा चुनाव में मात्र 20 सीटें मिलती दिख रही हैं।
लोकसभा चुनाव में तेदेपा-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन को 19 सीटों पर अहम बढ़त हासिल है। भाजपा की तीन जबकि तेदेपा को 16 सीटों पर बढ़त हासिल है।
लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत पाने वाली भाजपा राज्य विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर आगे चल रही है।
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एमआईएम) सात विधानसभा सीटों पर आगे चल रही है, जबकि एकमात्र लोकसभा सीट हैदराबाद पर उसे जीत मिली है।
टीआरएस ने तेलंगाना में पार्टी की जीत को जनता की जीत करार दिया है।
टीआरएस नेता हरीश राव ने यह जीत तेलंगाना के शहीदों और जनता को समर्पित की है। उन्होंने कहा, "इससे हमारे ऊपर जिम्मेदारी बढ़ गई है। हम जनता की सेवा करेंगे और इसे एक स्वर्ण तेलंगाना बनाने के लिए कठिन मेहनत करेंगे। हरीश राव टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव के भतीजे हैं।
उन्होंने केसीआर में विश्वास जताने के लिए जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "यह केसीआर और पार्टी कार्यकर्ताओं के 14 वर्ष लंबे संघर्ष का परिणाम है कि पृथक तेलंगाना राज्य में सफलता मिली और अब पार्टी सत्ता में आई है।"
हरीश राव ने कहा कि कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी, क्योंकि जनता ने इसके झूठे दावे पर भरोसा नहीं किया।
राव ने इस प्रश्न का जवाब नहीं दिया कि टीआरएस केंद्र में क्या भूमिका अदा करेगी।
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