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This Article is From May 17, 2014

नीतीश कुमार ने इस्तीफे के बाद कहा, बिहार में पार्टी के खराब प्रदर्शन की मैं जिम्मेदारी लेता हूं

नीतीश कुमार की फाइल तस्वीर

पटना:

लोकसभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया, जिसे राज्यपाल डॉ. डीवाई पाटिल ने स्वीकार लिया है।

बिहार में पार्टी को लोकसभा की सिर्फ दो सीटों पर ही जीत हासिल हुई और पार्टी के अध्यक्ष शरद यादव भी मधेपुरा सीट से आरजेडी के राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव के हाथों हार गए।

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘बिहार में अपनी पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व मैं कर रहा था और जो चुनाव परिणाम आए हैं, उसकी नैतिक जिम्मेदारी मैं लेता हूं और मुझे लेना भी चाहिए। चुनाव के दौरान हमने सारी मर्यादाओं का पालन करते हुए मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ा और जो भी काम हमने किया था उसकी को लेकर चुनाव अभियान में उतरे थे। लेकिन जो हार हुई है उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया है’।

उन्होंने कहा, ‘जो चुनाव परिणाम आए हैं, उसका विस्तृत विश्लेषण तो बाद में किया जाएगा, लेकिन बिहार में जो चुनाव नतीजे आए हैं, वह इस ओर इशारा करते हैं कि किस तरह कम्युनल लाइन पर ध्रुवीकरण हुआ और वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

इसके साथ ही नीतीश ने कहा कि लोकसभा चुनाव के जो भी परिणाम आए हैं उसको वे स्वीकारते हैं। नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जनादेश मिला और उनकी पूरी शुभकामनाएं हैं। वह सरकार की कमान संभालेंगे और देश में जो इतनी विविधताएं हैं, उसका सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे।

हालांकि यहां नीतीश ने साफ कि उन्होंने राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद और अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा सौंपा है, विधानसभा भंग करने की शिफारिश नहीं की है। कल चार बजे पार्टी के विधायक दल की बैठक होगी और आगे के कदम पर फैसला लिया जाएगा।

यह पूछे जाने पर कि भाजपा के साथ पिछले वर्ष नाता तोड़ने का निर्णय का क्या गलत था, नीतीश कुमार ने कहा कि बिल्कुल सही निर्णय था और यह बहुत जरूरी था तथा वह किसी रणनीति के तहत लिया गया निर्णय नहीं था।

उन्होंने कहा कि जदयू का भाजपा से नाता तोड़ने का निर्णय सिद्धांत के आधार पर लिया गया था और उसके बाद हमलोगों ने स्पष्ट तौर पर उसके कारणों की व्याख्या भी की थी उसकी पृष्ठभूमि महीनों से तैयार हुई थी। नीतीश ने कहा कि परिणामों के आधार पर हम अपने निर्णयों को नहीं आंकते। परिणाम कभी अच्छे आएंगे कभी नहीं आएंगे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के उस दावे के बारे में पूछे जान पर कि जदयू के 50 विधायक संपर्क में हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में काम किया था, नीतीश ने कहा कि अब उनके इस्तीफा देने के बाद अब उनको मौका मिला है, अब उनको जो करना हैं करें।

वहीं दूसरी तरफ नीतीश के इस्तीफे पर बिहार भाजपा के अध्यक्ष मंगल पांडे ने कहा कि जनता ने नीतीश को नकार दिया। जनता ने उन्हें बताया कि जो आपने काम किया, वह असलियत में भाजपा द्वारा किया गया काम है, सो भाजपा को वोट मिला। मंगल पांडे ने कहा, नीतीश खुलेआम काम के लिए वोट मांगते थे। कहते थे कि मैंने जो काम किया उसके लिए मजदूरी दें, लेकिन जनता ने उन्हें मजदूरी देने से इनकार कर दिया।

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जदयू के सदन अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी सहित 117 विधायक, भाजपा के 90 विधायक, राजद के 24, कांग्रेस के 4, भाकपा के एक और 6 निर्दलीय विधायक हैं जबकि एक मोहनिया विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक छेदी पासवान के इस्तीफे के कारण एक सीट खाली है, लेकिन उस पर उपचुनाव की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है।

जदयू ने तीन महिला विधायकों को उनके पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निलंबित कर दिया गया है, जबकि लालगंज की विधायक अन्नू शुकला ने पार्टी से इस्तीफा देकर वैशाली संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था।

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