शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ बीजेपी की नजदीकी पर आक्रामक रख अख्तियार करते हुए आज बीजेपी से सफाई मांगी। बीजेपी के सामने सवाल रखते हुए उद्धव ने कहा कि कुछ लोग सत्ता में रहने के लिए कुछ भी करते हैं। हालांकि अपनी टिप्पणी में उन्होंने अपने चचेरे भाई राज का नाम नहीं लिया।
कुछ दिन पहले मनसे अध्यक्ष राज के साथ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुलाकात की पृष्ठभूमि में उद्धव ने कहा, 'बीजेपी को स्पष्ट करना चाहिए कि महाराष्ट्र बीजेपी में फैसले लेने के लिए कौन अधिकृत है?'
शिवसेना अध्यक्ष ने पार्टी पदाधिकारियों और लोकसभा उम्मीदवारों से मुलाकात के बाद पार्टी मुख्यालय सेना भवन में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि शिवसेना के गोपीनाथ मुंडे और उनकी टीम के साथ अच्छे रिश्ते हैं।
उद्धव ने कहा, 'हालांकि अचानक से कुछ लोग श्रेय लेने के लिए बीच में टपक गए।' उन्होंने बीजेपी से इस बारे में रख स्पष्ट करने को कहा कि क्या उसके लिए किसी का भी समर्थन लेना उचित होगा, जिस तरह आप नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार बनाने के लिए लिया।
उद्धव ने पूछा, 'अगर जरूरत पड़ी तो क्या आप (बीजेपी) किसी का भी समर्थन ले लेंगे, जैसा कि केजरीवाल ने किया। जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने राजीव गांधी का समर्थन लेकर किया। क्या वे जरूरत पड़ने पर कांग्रेस का समर्थन भी ले लेंगे?' उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की चीज सामने आती है तो हममें और केजरीवाल में क्या अंतर रह जाएगा?
शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, 'हम (शिवसेना-बीजेपी) हिंदुत्व के मुद्दे पर साथ आए। हम उनके संकट के समय में भी उनके साथ रहे। हालांकि अब हालात में सुधार हो रहा है।' उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से बातचीत करेंगे।
गौरतलब एमएनएस ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह लोकसभा चुनावों में सभी सीटों पर शिवसेना के मुकाबले उम्मीदवार उतारेगी लेकिन प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी को समर्थन देगी।
इससे पहले शिवसेना अध्यक्ष को संतुष्ट करने के लिए महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष देवेंद्र फणनवीस उनसे मुलाकात कर चुके हैं। फणनवीस ने मुलाकात के बाद कहा था, 'मैंने उद्धव जी को बताया कि बीजेपी-शिवसेना को अपना स्वाभाविक और विश्वस्त सहयोगी मानती है।'
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