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This Article is From Sep 19, 2014

सीट बंटवारे के नए 'फॉर्मूले' पर विचार कर रही है बीजेपी और शिवसेना

सीट बंटवारे के नए 'फॉर्मूले' पर विचार कर रही है बीजेपी और शिवसेना
मुंबई:

दिन भर उहापोह की स्थिति रहने के बाद शिवसेना और भाजपा नेता आखिरकार शुक्रवार शाम बातचीत के लिए बैठे, जिसके बाद उन्होंने संकेत दिया कि 15 अक्तूबर के चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर एक समझौता होगा और इस तरह से गठजोड़ बच गया।

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस वार्ता से खुद को दूर रखा और इसके लिए अपने बेटे एवं युवा शिवसेना प्रमुख आदित्य तथा राज्य विधानसभा में शिवसेना के नेता सुभाष देसाई को लगाया, जिन्होंने भाजपा के महाराष्ट्र चुनाव प्रभारी ओपी माथुर से मुलाकात की।

आदित्य ठाकरे ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'किसी भी गठजोड़ में मतभेद हो सकता है। दोनों ही कोई अहम नहीं दिखा रहे..हम गठजोड़ को आगे बढ़ाना चाहते हैं।'

भाजपा नेतृत्व के साथ करीब एक हफ्ते में यह पहली बैठक है।

उन्होंने कहा, 'गठजोड़ को कैसे आगे ले जाया जाए इस बारे में चर्चा हुई। शिवसेना महाराष्ट्र के भविष्य की सुरक्षा करने पर गौर कर रही है।'

वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने बताया कि पार्टी ने शिवसेना को सीट बंटवारे पर एक प्रस्ताव दिया है और उम्मीद जताई है कि इसका सकारात्मक जवाब मिलेगा।

फड़नवीस ने कहा, 'कोई नहीं गठजोड़ तोड़ना चाहता। हमने एक प्रस्ताव दिया है और उम्मीद कर रहे हैं कि एक उपयुक्त और सकारात्मक जवाब मिले।' माथुर ने कहा कि गेंद अब शिवसेना के पाले में है। 'वे चर्चा के लिए आए..हमने उन्हें अपना प्रस्ताव दिया और अब उन्हें फैसला करना है।'

प्रदेश भाजपा की एक कोर कमेटी की बैठक भी हुई, जिसमें फैसला किया गया कि सीट बंटवारे पर शिवसेना को एक नया प्रस्ताव भेजा जाए।

शिवसेना ने भाजपा के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था कि महायुती गठबंधन के दो बड़े सहयोगी दल 135-135 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

वर्ष 2009 के चुनाव में 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवेसना 169 और भाजपा 119 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।

भाजपा ने अपनी कोर कमेटी की बैठक के बाद कहा था कि वह उन सीटों को लेना चाहती थी, जिनपर शिवसेना बरसों से नहीं जीती है।

बैठक के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर मुंगतीवर ने संवादताताओं को बताया कि हम शिवेसना को उन सीटों की सूची भेजेंगे जिस पर हम चुनाव लड़ना चाहते हैं। ऐसी 59 सीट है, जहां शिवेसना पिछले 25 साल से नहीं जीती है और 19 सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा नहीं जीती है। हम चाहते हैं कि शिवसेना इस पर विचार करे। हम हर सीट पर चर्चा चाहते हैं।

वहीं शिवसेना ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र में वह वरिष्ठ साझेदार बनी रहेगी। पार्टी प्रवक्ता एवं सांसद संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना भाजपा के गठन से पहले से महाराष्ट्र की राजनीति में है।

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