जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे बिहार की सारण संसदीय सीट पर मुकाबला दिलचस्प नजर आने लगा है।
सारण से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की प्रत्याशी राबड़ी देवी ने बुधवार को अपने भाई साधु के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने की बात कही, वहीं सारण से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके साधु ने बुधवार को अपनी दीदी (राबड़ी) और जीजा (लालू) पर एक बार फिर निशाना साधा।
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए राबड़ी ने कहा कि साधु से उनका कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा, साधु आगे क्षेत्र में तो जाएं, तब उनको हकीकत का पता चलेगा। छपरा की जनता उन्हें सबक सिखाएगी। साधु के मानने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे किसी को मनाने नहीं जाएंगी।
इधर, आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद के साले साधु ने बुधवार को कहा, उन्हें बहन और जीजा ने पांच वर्ष से अलग कर दिया, हमको अछूत मान रहे हैं। मेरे लिए कोई परिवार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैं तो किसी से कुछ नहीं पूछ रहा। उन्होंने कहा कि वे सारण जा रहे हैं और वहां के लोगों से राय लेकर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
लालू ने मंगलवार को कहा था कि साधु के सारण से चुनाव लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। साधु के चुनाव लड़ने से राजद का एक भी वोट नहीं कटेगा। कहा जाता है कि साधु भाजपा से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे, जिसके लिए उन्होंने मोदी का गुणगान भी किया था इौर उनका दरवाजा भी खटखटाया था। साधु की छवि बिहार में लालू-राबड़ी के शासनकाल में एक दबंग नेता की रही है। भाजपा ने सारण से वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूडी को उम्मीदवार बनाया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में राजद से टिकट नहीं मिलने के कारण साधु ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था परंतु वह जीत नहीं सके थे। इसके बाद वे कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में आने की जुगत भिड़ा रहे थे।
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