मुसलमानों को लुभाने के लिए मंगलवार को दिए गए बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के बयान पर सियासत जारी है। राजनाथ ने गुजरात दंगों का नाम लिए बगैर मुसलमानों से कहा कि अगर पार्टी से कभी गलती हुई हो तो वह सिर झुकाकर माफी मांगने के लिए तैयार हैं, लेकिन अब पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि माफी अगर भविष्य में कोई गलती हुई तो उसके लिए थी, इसका 2002 के दंगों से कोई लेना−देना नहीं था।
वहीं शिवसेना ने कहा है कि पार्टी कभी मुस्लिम समाज से माफी नहीं मांगेगी। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि पहले जो कुछ हुआ है उसे हम गलत नहीं मानते हमें उस पर गर्व है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को साफ करना चाहिए कि क्या पार्टी राम मंदिर आंदोलन समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर भी मुसलमानों से माफी मांगना चाहती है।
वहीं बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने सिर्फ यह कहा था कि कोई कमी रही होगी तो माफी मांग लेंगे, लेकिन हमसे कोई कमी नहीं रही। मैं वहां था। उन्होंने यही कहा था कि हम मुसलमानों के साथ हैं। कोई कमी रही होगी तो शीश झुकाकर माफी मांगेंगे। हमसे कोई कमी नहीं रही।
कांग्रेस के नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि आरएसएस के मोहन भागवत माफी मांगने को तैयार हैं क्या? जिस गुजरात में अल्पसंख्यकों का नरसंहार किया वहां के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी माफी मांगने को तैयार हैं क्या? ये दोनों माफी नहीं मांगेंगे तो राजनाथ की माफी का कोई मतलब नहीं है।
वहीं जाने माने पत्रकार और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता शाहिद सिद्दीकी ने स्वागत किया है और कहा है कि गुजरात दंगों को भूला देने में हर्ज ही क्या है।
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