गुजरात में कथित महिला जासूसी कांड की जांच को लेकर उठे विवाद के बाद अब केंद्र सरकार ने अपने पैर वापस खींच लिए हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि जासूसी कांड की जांच हो या नहीं इसका फैसला अगली सरकार करेगी।
इससे पहले नरेंद्र मोदी से कथित तौर पर जुड़े जासूसी कांड के मामले में जांच को लेकर यूपीए सरकार के दलों के बीच मतभेद सामने आए थे, जब एनसीपी ने इस समय इस तरह की जांच पर आपत्ति जताई थी।
वहीं उमर अब्दुल्ला, जिनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस यूपीए की सहयोगी पार्टी है, एक ट्वीट में कहा था कि बीती रात पिता जी से बात कर रहा था, और वह भी यही सोचते हैं- यूपीए 2 के अंतिम पलों में एक जांच आयोग का गठन बिल्कुल गलत है।
एनसीपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा, लोकसभा चुनाव के नतीजे दो सप्ताह में आ जाएंगे, ऐसे में इस तरह की जांच की जरूरत ही क्या थी। पटेल के मुताबिक, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने इस मामले में अपनी पार्टी का रुख व्यक्त करने के लिए रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बातचीत की। एनसीपी कांग्रेस नीत यूपीए सरकार में दूसरा सबसे बड़ा दल है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा था कि नरेंद्र मोदी से जुड़े जासूसी प्रकरण की न्यायिक जांच कराने पर आगे बढ़ने के मुद्दे से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
शुक्रवार को ही कानून मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि सरकार 16 मई को होने वाली मतगणना से पहले 'स्नूपगेट' कांड में जांच के लिए जज के नाम की घोषणा करेगी। आरोप है कि गुजरात में 2009 में मोदी के कहने पर एक युवती की जासूसी की गई थी, तब प्रदेश के गृह राज्यमंत्री अमित शाह थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं