प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को घोषणा की कि जब तक वह सत्ता में हैं, 'कोई भी महाराष्ट्र के टुकड़े नहीं कर सकता'। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तथा उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के उन बयानों का जवाब लग रहा है, जिसमें दोनों भाइयों ने मोदी पर आरोप लगाया था कि वह मुंबई को महाराष्ट्र राज्य से अलग करने की कोशिश कर रहे हैं।
धुले में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पिछले 10 साल से कांग्रेस के नेता कपास और प्याज़ को लेकर झूठ फैलाते रहे हैं, और अब उन्होंने एक नया झूठ फैलाना शुरू कर दिया है... वे कहते हैं कि महाराष्ट्र के टुकड़े हो जाएंगे... क्या इस देश में पैदा हुआ कोई व्यक्ति शिवाजी की धरती को बांट सकता है...? मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जब तक मैं दिल्ली में हूं, दुनिया की कोई भी ताकत महाराष्ट्र के टुकड़े नहीं कर सकती, या मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं कर सकती..."
जलगांव में एक अन्य रैली में भी उन्होंने दोहराया, "जो लोग महाराष्ट्र के लिए काम नहीं कर पाए, अब झूठा प्रचार कर रहे हैं... वे कहते हैं, मोदी मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना चाहता है... हिन्दुस्तान में ऐसा कोई नहीं है, मुंबई को महाराष्ट्र से अलग कर सके..."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधनों में अपने पूर्व सहयोगी दल शिवसेना या उसके प्रमुख उद्धव ठाकरे का नाम नहीं लिया, जबकि उद्धव ने सोमवार को कहा था, "मोदी राज्य को विकसित करने की बात कर रहे हैं, लेकिन विकास की आड़ में वह दरअसल महाराष्ट्र के टुकड़े कर देना चाहते हैं, लेकिन सूबे के लोग इस तरह की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेंगे..."
उधर, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी एक समाचारपत्र से बातचीत में इसी तरह का आरोप लगाते हुए कहा था, "क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में 23 रैलियां कर रहा है...? उनका ध्यान महाराष्ट्र पर इतना ज़्यादा क्यों है...? इस प्रचार के पीछे कुछ बड़ी साजिश है... इसका उद्देश्य भारत की आर्थिक राजधानी पर नियंत्रण पाना है..."
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री के मंगलवार को दिए गए भाषण से संकेत मिलता है कि वह महाराष्ट्र से विदर्भ क्षेत्र को अलग किए जाने के खिलाफ रुख रखते हैं, जबकि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सैद्धांतिक रूप से इसका समर्थन करती है। बीजेपी के राज्य प्रमुख देवेंद्र फड़नवीस कह चुके हैं कि पार्टी विदर्भ के गठन का समर्थन करती है, लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि इसे तेलंगाना की तरह नहीं होना चाहिए, बल्कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव पर आधारित होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में 15 अक्टूबर को मतदान होना है, तथा परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
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