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This Article is From Nov 24, 2014

नीता शर्मा की ग्राउंट रिपोर्ट : स्थायी सरकार चाहते हैं कश्मीर के लोग

नीता शर्मा की ग्राउंट रिपोर्ट : स्थायी सरकार चाहते हैं कश्मीर के लोग
कश्मीर के व्यापारियों से बात करतीं नीता शर्मा
श्रीनगर:

श्रीनगर में जब बाढ़ आई थी, तब लाल चौक के इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। बेशक यह इलाका शहर के बीच में बसा है, लेकिन मदद इन लोगों तक बहुत देर से पहुंची थी। बाढ़ के दो महीने बाद भी यहां हालात ज्यादा नहीं बदले हैं। चौक के आसपास की दुकानों में मरम्मत चल रही है। धूल-भरा सामान अब भी सड़कों पर पड़ा है।

इस सबके बीच दुकानदार दुआ कर रहे हैं कि अभी बर्फ़ न गिरे क्योंकि अगर बर्फ़ गिरी तो कामकाज ठप हो जाएगा। लाल चौक में घूमते हुए हम दोबारा पहुंचे गुलशन बुक शॉप में... दुकान के बाहर इश्तेहार लगा मिला कि सभी किताबों पर सेल है, वजह ज्यादतर किताबें पानी में खराब हो गई थीं, जो कुछ ठीक रह गई अब उन पर सेल लगी हुई है। दरअसल हम बाढ़ के मौक़े पर भी आए थे।

गुलशन बुक शॉप के मालिक शेख इजाज से जब हम मिले, उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ़ से उन्हें अब तक कोई मदद नहीं मिली है। कहते हैं कि मिली जुली सरकारें घाटी ने बहुत देखी हैं अब लोग यहां सियासी बदलाव चाहते हैं। वह उम्मीद करते हैं कि जो भी पार्टी सरकार बनाए, अपने दम पर बनाए। हालांकि मानते हैं कि घाटी में स्थानीय पार्टी ज्यादा बेहतर रहेगी।

कश्मीर कई सालों पीछे चला गया है, जब तक सरकार सही तरह से यहां काम नहीं करेगी, तब तक यहां कुछ नहीं बदल सकता। शेख इजाज ने एनडीटीवी से कहा, दरअसल जब बाढ़ आई थी तब सबसे ज्यादा तबाही लाल चौक में हुई थी। पूरी-पूरी दुकानें डूब गई थीं। घाटी के कारोबारियों ने एक लाख करोड़ का नुकसान होने का अंदाज़ा जताया।

इस नुकसान की भरपाई के लिए लोग कोई स्थिर सरकार चाहते हैं। घाटी की 14 आर्थिक संस्थाओं को मिलाकर बनाई गई कश्मीर इकोनॉमिक अलायंस की राय भी यही है। बीजेपी को लेकर व्यापारियों के दिल में कई सवाल हैं।

इकबाल त्रम्बु ने कहा कि बीजेपी ने कई मुद्दों पर अपना रुख साफ़ अभी तक नहीं किया है। और बार-बार यह दावा कर रही है कि वह सरकार बनाएगी, यह अच्छा नहीं है। त्रम्बु कश्मीर इकोनॉमिक अलायंस से जुड़े हुए हैं। उनका यह भी मानना है कि कोई स्थानीय पार्टी ही यहां सरकार बनाए।

यासिन खान ने कहा, कश्मीर तब तक बेहतर नहीं हो सकता जब तक केन्द्र और राज्य सरकार में एक मत न हो। यासिन खान भी कश्मीर इकोनॉमिक अलायंस के साथ हैं।

हमने छोटे व्यापारियो से भी बात की। उन सबका भी यह मानना है कि कश्मीर अब बदलाव चाहता है। रोजगार के नए अवसर चाहता है। इन सबसे बातचीत जब हम कर रहे थे तब हमें हिना बट्ट भी मिली। वह इस इलाके यानि अमीराकदल से बीजेपी की उम्मीदवार हैं।

हिना नहीं मानतीं कि लोग बीजेपी से दूरी बरत रहे हैं। मैं मानती हूं कि सबसे ज्यादा नुकसान इस इलाके के कारोबारियों को हुआ, लेकिन मैं उन्हें यकीन दिलाती हूं कि बीजेपी बिना भेदभाव के इस इलाके की तरक्की के लिए काम करेगी। हिना ने कहा, अमीराकदल मे लगभग एक लाख वोट हैं। इस इलाके में हर तबके के लोग रहते हैं।

हालांकि पिछले चुनावों में सिर्फ़ 10 फीसदी लोगों ने वोट किया था, लेकिन जिस गहमा-गहमी से लोग बदलाव की चर्चा कर रहे हैं, उससे यह उम्मीद जगती है कि शायद इस बार वोटिंग प्रतिशत कुछ बढ़े।

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