
आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली की जनता को 'गुमराह' कर रहे हैं और राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में उन्होंने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।
एक बयान जारी कर 'आप' ने कहा, 'राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में तथ्यों को छुपाकर और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर मोदी ने दिल्ली की जनता को गुमराह करने की नाकाम कोशिश की है।'
'आप' नेता अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए मोदी ने कल पूर्वी दिल्ली की एक रैली में कहा था कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस की 'बी टीम' है।
मोदी ने कहा था, 'यह कांग्रेस और कांगेस-बी के बीच एक अनोखा गठबंधन है। पहले कांग्रेस के समर्थन से सरकार चलायी और फिर अपने प्रचार से देश भर में कांग्रेस को फायदा दिलाने के लिए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने (आप ने) राज्यपाल के जरिये पिछले दरवाजे से दिल्ली का शासन चलाने का मौका भी कांग्रेस को दे दिया।'
भाजपा नेता ने कहा था, 'दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद कांग्रेस राज्यपाल के जरिये सत्ता में वापस आ गई। यह कांग्रेस की बी टीम है। इसका मकसद कांग्रेस की मदद करना है।'
'आप' की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति शासन के लिए उनकी पार्टी को जिम्मेदार तो करार दे दिया 'पर यह नहीं बताया कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के मुद्दे पर भाजपा का रुख क्या है।'
बयान के मुताबिक, 'उनकी (मोदी की) पार्टी आश्चर्यजनक ढंग से 14 फरवरी से ही इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। राष्ट्रीय राजधानी के लोग बेसब्री से इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि 31 मार्च को उच्चतम न्यायालय के समक्ष भाजपा इस मुद्दे पर क्या विचार रखती है।'
'आप' की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'यह याद रखना चाहिए कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के फैसले को 'आप' ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, न कि मोदी और उनकी पार्टी ने।'
पार्टी ने मोदी और भाजपा से कहा कि वह इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करें और यह बताएं कि वे फिर से विधानसभा चुनाव चाहते हैं कि नहीं।
बयान के मुताबिक, 'यदि मोदी और उनकी पार्टी दिल्ली में राष्ट्रपति शासन को लेकर वाकई चिंतित हैं तो उन्हें इस मुद्दे पर अपनी राय सार्वजनिक करने से किसने रोका है कि वे फिर विधानसभा चुनाव चाहते हैं या नहीं?'
'आप' ने कहा, 'दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू रहने को लेकर मोदी घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। भाजपा ने संसद में राष्ट्रीय राजधानी के लिए अंतरिम बजट पारित कराने में कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार की मदद की जबकि उसमें कई जनविरोधी बातें शामिल थीं।'
पार्टी ने कहा कि वह भाजपा को दिल्ली के लोगों के मुद्दों पर गलत सूचनाएं फैलाने की इजाजत नहीं देगी। 'आप' ने कहा, 'दिल्ली को राष्ट्रपति शासन के तहत रखने की भाजपा और कांग्रेस की कोशिशों की वह पोल खोलकर रख देगी और अपनी लड़ाई जनता तक ले जाएगी।'
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