कौमी एकता दल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
कौमी एकता दल की गुरुवार को हुई बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने मुख्तार के वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। इसके साथ ही मुख्तार के मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तमाम अटकलों पर विराम लग गया।
मुख्तार वर्ष 2009 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में वाराणसी से चुनाव लड़े थे और भाजपा प्रत्याशी मुरली मनोहर जोशी से करीबी मुकाबले में लगभग 20 हजार मतों से पराजित होकर दूसरे स्थान पर रहे थे। ऐसे में उन्हें इस बार वाराणसी सीट पर मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा था।
कौमी एकता दल के अध्यक्ष अंसारी ने कहा कि बैठक में मुख्तार को वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ाने का फैसला इसलिए किया गया है ताकि मोदी के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष मतदाताओं के वोट बंटने ना पायें।
अंसारी ने कहा कि वाराणसी की सीट पर मुख्तार की पत्नी अफशां को चुनाव लड़ाने का भी प्रस्ताव था, लेकिन मोदी को हराने के लिए उन्हें भी चुनाव मैदान में ना उतारने का फैसला किया।
मुख्तार अब घोसी सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कौमी एकता दल आने वाले वक्त में अगली रणनीति पर कोई निर्णय लेगी। अब सपा, बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को फैसला लेना है कि वे मोदी को हराने के लिये कोई कदम उठाएंगे या नहीं।
गौरतलब है कि घोसी सीट से भी चुनाव लड़ रहे मुख्तार के मोदी के खिलाफ वाराणसी से भी चुनाव लड़ने की अटकलें काफी पहले से लगायी जा रही थीं। खुद मुख्तार ने वाराणसी सीट से भी चुनाव लड़ने की बात कही थी।
गौरतलब है कि 2009 के चुनाव में बीएसपी के टिकट पर मुख्तार अंसारी को भाजपा के डॉ मुरली मनोहर जोशी ने करीब 17 हजार वोटों के अंतर से हारे थे। उल्लेखनीय है कि इसी सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजन अरविंद केजरीवाल भी नरेंद्र मोदी को चुनौती दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में विधायक अजय राय को मैदान में उतारा है।
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