बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती सरकार बनाने के लिए बीजेपी या उसकी अगुवाई वाले एनडीए को किसी तरह और किसी भी कीमत पर समर्थन देने से इनकार कर चुकी हैं। हालांकि आज जब उनसे पूछा गया कि वह यूपीए को समर्थन देंगी या नहीं, तो उन्होंने अपने पत्ते खोलने से इनकार कर दिया।
मायावती ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता संतुलन के नए केंद्र के रूप में उभरेगी। बसपा किसी मोर्चे में शामिल नहीं होगी और लोकसभा चुनाव में वह इतनी सीटें जीत जाएगी कि उसे धर्मनिरपेक्ष ताकतों को खुद से जोड़ने का दमखम हासिल होगा।
उन्होंने कहा 'अब यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी राजनीतिक दल केंद्र में अपने बलबूते पर सरकार नहीं बना सकेगा। उम्मीद है कि पार्टी अकेले उत्तर प्रदेश के बलबूते पर ही केंद्र में सत्ता का संतुलन बनकर उभरेगी.. मैं स्पष्ट करना चाहूंगी कि अगर सरकार बनाने की बात आई तो बसपा बीजेपी या एनडीए से समर्थन नहीं लेगी।'
हालांकि जब उनसे पूछा गया कि अगर कांग्रेस या यूपीए उन्हें सहयोग करके प्रधानमंत्री पद की पेशकश करता है, तो बसपा क्या करेगी, तो इस पर उन्होंने कहा, 'मैं अपनी भावी रणनीति का खुलासा नहीं करूंगी। कुछ तो नतीजों पर भी छोड़ दीजिए।'
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर जाति आधारित राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी किसी भी पिछड़ी जाति से संबंध नहीं रखते। यही वजह है कि उनके तमाम बार पूछे जाने के बावजूद भाजपा नेता ने अपनी जाति नहीं बताई।
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