16वीं लोकसभा में 61 महिला उम्मीदवार जीत कर पहुंची हैं। यह अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। 543 सदस्यीय लोकसभा में महिला उम्मीदवारों की संख्या 2009 के 58 से ज्यादा है।
पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च के मुताबिक, "देश के इतिहास में लोकसभा पहुंचने वाली महिलाओं यह सर्वाधिक संख्या है। 2009 में 58 महिलाएं लोकसभा पहुंची थी।"
प्रमुख महिला उम्मीदवार जो संसद का रास्ता तय करने में कामयाब रहीं उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (रायबरेली), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज (विदिशा), उमा भारती (झांसी), मेनका गांधी (पीलीभीत), पूनम महाजन (मुंबई उत्तर मध्य), किरन खेर (चंडीगढ़), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले (बारामती), समाजवादी पार्टी (सपा) नेता डिपल यादव (कन्नौज) हैं।
गौरतलब है इनमें सोनिया, सुषमा, उमा, मेनका, सुप्रिया, डिंपल पहले भी संसद जाने का अवसर पा चुकी हैं, जबकि पूनम, किरन के लिए यह पहला कार्यकाल होगा।
इस चुनाव में कई प्रमुख महिला उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है, जिनमें कांग्रेस नेता अंबिका सोनी (अंबाला), कृष्णा तीरथ (उत्तर पश्चिम दिल्ली), गिरिजा व्यास (चित्तौड़गढ़), लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार (सासाराम), बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (सारण), उनकी पुत्री मीसा भारती (पाटलिपुत्र) शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल से सबसे अधिक 13 महिला सांसद जीत कर संसद के निचले सदन पहुंचने में कामयाब रही, जबकि उत्तर प्रदेश से 11 महिलाओं को इस बार संसद जाने का मौका मिला है।
2009 में 58 महिला संसद पहुंची थी, जबकि 2004 में 45 और 1999 में 49 महिलाएं विजयी हुई थीं। लोकसभा में सबसे कम महिलाएं 1957 में दिखी थी, जब उनकी संख्या सिर्फ 22 थी।
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