महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के भविष्य पर रविवार को भी कोई फैसला नहीं हो सका। बीजेपी ने अपने पत्ते नहीं खोले और शिवसेना भी अपने रुख पर कायम है, हालांकि दोनों दल 25 वर्ष पुराने गठबंधन को बचाने की कोशिशों में लगी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में बीजेपी की और बीजेपी संसदीय बोर्ड की करीब सवा तीन घंटे तक चली बैठक में महाराष्ट्र में चुनावी गठबंधन पर बने गतिरोध और इसे टूट से बचाने के विकल्पों समेत अन्य मुद्दों पर विचार किया गया, लेकिन अब तक कोई फ़ैसला नहीं लिया जा सका है।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने महाराष्ट्र के सभी संगठन सचिवों को दिल्ली तलब किया है। इनकी सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात हो सकती है।
सूत्रों की मानें तो पीएम और बीजेपी अध्यक्ष शिवसेना के साथ गठबंधन बनाए रखने के पक्ष में हैं। ख़बर यह भी है कि बीजेपी सोमवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।
इस बैठक के बाद महाराष्ट्र बीजेपी के प्रभारी राजीव प्रताप रूडी ने फिर कहा कि बीजेपी गठबंधन तोड़ना नहीं चाहती, लेकिन एक सम्मानजनक समझौता चाहती है।
वहीं पार्टी सूत्रों ने बताया कि दोनों दलों के बीच काफी पुराना गठबंधन है और पूरी उम्मीद है कि यह बना रहेगा और चुनाव में भारी जीत दर्ज करेगा। मुंबई में बीजेपी नेताओं कहा कि वे 135 सीटों की अपनी पहले की मांग से पांच सीटें कम यानी 130 सीटें भी स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
देर शाम बीजेपी और शिवसेना के नेताओं ने कहा, 'अपना गठबंधन बनाए रखने की कवायद जारी है।' बीजेपी का कहना है कि यह समय है कि शिवसेना 'थोड़ा त्याग' करे, क्योंकि बीजेपी चुनाव जीतने और गठबंधन बचाने के लिए अतीत में 'त्याग' करती रही है।
इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, जुआल ओराम के अलावा शाहनवाज हुसैन, संगठन मंत्री रामलाल आदि मौजूद थे। अरुण जेटली, वेंकैया नायडू किसी कारण से बैठक में हिस्सा नहीं ले सके।
इससे पहले, उद्धव ठाकरे की ओर से भाजपा को 119 सीटों की पेशकश केंद्र में सत्ताधारी पार्टी ने ठुकरा दिया था। (बीजेपी ने ठुकराया ऑफर)
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