चुनाव आयोग ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उस कथित टिप्पणी पर 'नाखुशी' जाहिर की है जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं से रिश्वत लेने को कहा था।
आयोग ने अपने आदेश में कहा, 'आपका इरादा जो भी रहा हो, ऐसे बयान हमारे चुनावों की पवित्रता और साथ ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुचिता पर दाग लगाते हैं।' अपनी 'नाखुशी' का इज़हार करते हुए आयोग ने गडकरी से कहा कि भविष्य में वह अपने सार्वजनिक बयानों में सतर्कता बरतें।
चुनाव आयोग के कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा था उनका पूरा भाषण किन्हीं गैर-कानूनी माध्यमों से मतदाताओं को लुभाने के प्रयासों की निंदा करने बारे में था और उन्होंने इस बात को हास्य और व्यंग्य के जरिये रखने का प्रयास किया था। आयोग को दिए जवाब में उन्होंने आगे कहा, 'वर्तमान सार्वजनिक जीवन में हास्य के अभाव के बारे में भी मैं जोर देना चाहूंगा। मैं आपसे (आयोग) आग्रह करता हूं कि आप मेरे उस हास्य के लहजे पर ध्यान दें जिसमें मैं बोल रहा था..'
उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि वह उनकी बातों को वोट के लिए घूस देने के प्रयास के रूप में नहीं ले। उन्होंने दलील दी कि वह तो इसके उलट मतदाताओं को यह समझाने का प्रयास कर रहे थे कि वे किसी ओर से घूस देने के प्रयासों में नहीं फंसें।
भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव आचार संहिता का वह पूरा सम्मान करते हैं और उन्होंने ऐसा एक शब्द भी नहीं कहा जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हो।
चुनाव आयोग ने हालांकि उनकी दलीलों को नामंजूर करते हुए कहा कि वह उनके इस रुख को 'स्वीकार नहीं कर सकता' कि उनका इरादा हास्य और व्यंग्य के जरिये मतदाताओं को राजनीतिक दलों के अपवित्र प्रयासों में फंसने से बचाने का था।
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