बनारस से बीजेपी का उम्मीदवार कौन होगा इस पर कशमकश जारी है। मुरली मनोहर जोशी बनारस से सिटिंग एमपी हैं और संघ चाहता है कि जोशी यह सीट बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के लिए छोड़ दें।
थोड़ी देर पहले मुरली मनोहर जोशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बनारस से चुनाव कौन लड़ेगा इसका फ़ैसला 13 तारीख को होने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा।
उन्होंने कहा कि मोदी की उपस्थिति में फ़ैसला होगा और मोदी की प्रतिष्ठा पर कोई आंच नहीं आएगी। मुरली मनोहर जोशी ने यह भी कहा कि पार्टी जो भी फ़ैसला लेगी उन्हें मंज़ूर होगा।
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज कहा कि वह वाराणसी लोकसभा सीट पर दावेदारी को लेकर प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के बीच खबरों में आए विवाद को लेकर चिंतित है, लेकिन विश्वास है कि पार्टी इस मुद्दे का समाधान निकाल लेगी।
संघ महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की यहां हुई तीन दिवसीय बैठक के आखिरी दिन संवाददाताओं से कहा, 'हम चिंतित हैं भी और नहीं भी। हमें लगता है कि उनके (भाजपा के) पास इस लिहाज से पर्याप्त अनुभव है जिसे हम पहले भी कई बार देख चुके हैं। वे सक्षम हैं। वे समस्या का समाधान कर लेंगे।'
वाराणसी की टिकट का मुद्दा कल भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भी उठ चुका है जहां इस मुद्दे पर गर्मागर्म बहस हुई।
सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों ने इस बाबत स्पष्टीकरण की मांग की कि क्या जोशी को वाराणसी सीट छोड़नी होगी और मोदी वहां से चुनाव लड़ेंगे। खबरों के मुताबिक इस विषय को उठाने वालों में स्वयं जोशी और वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज शामिल रहीं।
क्या लालकृष्ण आडवाणी जैसी वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए, इस बाबत संघ का रुख पूछे जाने पर भैयाजी जोशी ने कहा कि संघ पार्टी को निर्देश नहीं दे सकता, केवल भावना से अवगत करा सकता है।
उन्होंने कहा, 'इन चीजों के बारे में फैसले पार्टी करती है। यदि कोई व्यक्ति अपनी राय व्यक्त करना चाहता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है।' हालांकि जोशी ने कहा कि युवाओं को अवसर मिलने चाहिए ताकि वे अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल राष्ट्र की सेवा में कर सकें।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं