राजधानी में भाजपा मुख्यालय के बाहर हुए संघर्ष के सिलसिले में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष और शाजिया इल्मी को थाने ले जाया गया। उन्हें बाद में छोड़ भी दिया गया। रिहाई के बाद शाजिया इल्मी ने कहा कि उन्होंने पुलिस द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया। उनका कहना था कि पुलिस ने उनसे कल की घटना के बारे में समयबद्ध जानकारी मांगी। उनका कहना है कि उन्होंने लिखित में कुछ भी नहीं दिया।
कहा जा रहा है कि पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी के नेताओं को इंगित किया है। कहा जा रहा है कि कल की हिंसक घटनाओं के लिए पुलिस ने आप पार्टी को ही जिम्मेदार माना है।
उनका कहना है कि आप पार्टी गुंडागर्दी के खिलाफ लड़ाई करती है। उनका कहना है जिन लोगों ने आम आदमी पार्टी की तरफ से पत्थरबाजी की, उसके लिए उन्हें खेद है।
आशुतोष ने कहा कि वह कानून मानते हैं और पुलिस के साथ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर 'आप' का कोई कार्यकर्ता पुलिस को रोकने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ पार्टी सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा पुलिस अपना काम कर रही है।
वहीं शाजिया इल्मी ने कहा है कि मेरा नाम एफआईआर में है, इसलिए पुलिस मुझे लेने आई। मैंने सिर्फ नारे लगाए, फिर भी पुलिस ले जा रही है, लेकिन मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगी।
आशुतोष ने ट्वीट कर बताया कि उन्हें मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया है, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया है।
बीती रात आशुतोष और शाजिया इल्मी सहित आप पार्टी के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ संसद मार्ग थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इससे पूर्व आशुतोष ने ट्वीट करके कहा था कि दिल्ली पुलिस की ओर से केवल आप कार्यकर्ताओं पर ही कार्रवाई की गई है और बीजेपी नेताओं पर नरमी बरती जा रही है।
आप पार्टी के नेताओं के खिलाफ दंगा करने, सरकारी कर्मियों की ड्यूटी में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं।
इसके साथ ही आप पार्टी के गिरफ्तार 14 कार्यकर्ताओं को जमानत मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि आप कार्यकर्ता ने बुधवार को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय के बाहर और लखनऊ में भाजपा कार्यकर्ताओं से भिड़ गए थे। ये घटनाएं गुजरात में अरविंद केजरीवाल की संक्षिप्त हिरासत और उनकी कार पर हुए कथित हमले के बाद हुईं ।
बुधवार को गुजरात की अपनी चार दिन की विकास ‘समीक्षा’ यात्रा शुरू करने वाले केजरीवाल को आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन को लेकर हिरासत में ले लिया गया था। कुछ देर बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया था।
नरेंद्र मोदी पर केजरीवाल से डर जाने और पुलिस कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए आप कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में अशोक रोड स्थित भाजपा मुख्यालय पर धावा बोल दिया था। वे उत्तरी गुजरात के राधनपुर में केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने की घटना का विरोध कर रहे थे।
इस दौरान दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। भाजपा कार्यालय के अंदर से प्रदर्शनकारियों पर प्लास्टिक की कुर्सियां फेंकी गईं। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को तितर बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ीं।
लखनऊ में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा कार्यकर्ताओं से भिड़ गए और केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने के विरोध में विधानसभा मार्ग स्थित भाजपा कार्यालय के बाहर सड़क पर जमकर बवाल हुआ। करीब तीन दर्जन आप कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और कार्यालय पर कथित तौर पर ईंटों से हमला किया, जिसके जवाब में भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए ।
केजरीवाल ने बुधवार को भाजपा पर खुद के मुख्यालय के बाहर हिंसा करने का आरोप लगाया था और साथ में उनकी हिरासत के विरोध में कुछ आप कार्यकर्ताओं की ‘जवाबी कार्रवाई’ पर माफी भी मांगी ।
उन्होंने दावा किया था कि आप कार्यकर्ताओं पर भाजपा समर्थकों ने पहले हमला किया। कुछ आंदोलित आप कार्यकर्ताओं ने ‘दो या तीन पत्थर’ फेंककर इसका जवाब दिया।
केजरीवाल ने कहा था कि मुझे आप कार्यकर्ताओं द्वारा की गई गलतियों के लिए खेद है। उन्हें मेरी हिरासत पर हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए था। उन्होंने गुजरात में अपने काफिले पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा हमला करने का भी आरोप लगाया और कहा कि उनकी कार के शीशे टूट गए।
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