भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने सोमवार को रक्षा मंत्रालय के उस निर्णय की आलोचना की जिसमें मंत्रालय ने अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया को जारी रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह 'नैतिक रूप से' गलत है और इससे वर्तमान प्रमुख 'निष्प्रभावी' हो जाएंगे।
सेना प्रमुख के उनके अंतिम दिनों के कार्यकाल के दौरान वीके सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग पर अपनी खुफिया इकाई पर 'कमान एवं नियंत्रण रखने' में विफल रहने के लिए 'अनुशासन एवं सतर्कता प्रतिबंध' लगा दिए थे जो तब तीन कोर के कमांडर थे। उस कोर ने असम के जोरहट में कथित रूप से डकैती की थी।
बिक्रम सिंह के सेना प्रमुख बनते ही प्रतिबंध हटा लिए गए थे और सुहाग को पूर्वी सेना का कमांडर नियुक्त किया गया था।
पूर्व सेना प्रमुख के रिश्ते अपने कार्यकाल के दौरान संप्रग सरकार से अच्छे नहीं थे। उन्होंने कहा, 'नियम के मुताबिक नए प्रमुख को दो महीने पहले ही नामित किया जाता है। वे वर्तमान प्रमुख को इतनी जल्दी क्यों निष्प्रभावी कर रहे हैं।'
रक्षा मंत्रालय ने चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के तुरंत बाद कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) से सुहाग को अगला प्रमुख बनाए जाने की अनुशंसा की है।
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