लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वाराणसी में नरेंद्र मोदी की रैली को अनुमति ना मिलने पर विरोध प्रदर्शन मात्र वोटरों के ध्रुवीकरण की कोशिश है।
सीताराम येचुरी ने गुरुवार को दिल्ली में कहा, "साम्प्रदायिक उन्माद पैदा कर ये आशा ना करें कि यह चुनाव के अंतिम चरण में आपको चुनावी फायदा होगा।" उन्होनें कहा कि भाजपा को अपने बातों को चुनाव आयोग के समक्ष रखना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। वाराणसी से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जिसके लिए मतदान 12 मई को होना हैं, यह आखिरी चरण का मतदान है।
नरेंद्र मोदी ने आज सुबह ट्वीट कर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए, वहीं उनकी पार्टी का दावा है कि उन्होंने बुधवार सुबह वाराणसी में एक विशाल मैदान भी बुक करा लिया था, लेकिन रात को पता चला कि वह मैदान किसी और को दे दिया गया है। बाद में भाजपा ने कहा कि उनके नेताओं को बताया गया कि आईबी ने मैदान को मोदी की रैली के लिए सुरक्षित नहीं माना।
भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि उनकी सूचना के आधार पर आईबी ने ऐसी कोई भी चेतावनी जारी नहीं की। जेटली ने जिला मजिस्ट्रेट प्रांजल यादव को निर्वाचन अधिकारी के पद से हटाने की मांग की है।
अरुण जेटली और अमित शाह, जो कि मोदी के करीबी हैं और उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं, उन्होनें आज वाराणसी में विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को चुनाव में सर्वाधिक सीटें जीतने का भरोसा हैं। वहीं, विपक्ष में कांग्रेस और लेफ्ट ने लोगों से भाजपा को समर्थन ना देने की गुहार भी लगाई, कहा कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति सामाजिक शांति के लिए खतरा है।
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