
महाराष्ट्र में मोदी लहर पर सवार भाजपा के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद बहुमत पाने से पीछे रह जाने और 'त्रिशंकु विधानसभा' बनने के चलते राज्य में सरकार बनाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए सियासी हलचल तेज हो गई है।
महाराष्ट्र में खंडित जनादेश के बीच एक बार फिर से गठबंधन सरकार की स्थिति बन गई है, जहां 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को अब तक 119 सीट पर जीत हासिल हुई है और वह दो सीट पर बढत बनाये हुए है। उसकी पूर्व सहयोगी शिवसेना को 61 सीटें प्राप्त हुई हैं और वह दो सीट पर बढ़त बनाये हुए है।
ऐसे में अभी से भाजपा और शिवसेना के एक बार फिर साथ आने और मिलकर सरकार बनाने की अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। वहीं राकांपा ने भाजपा को समर्थन की पेशकश कर दी है। सरकार बनाने के लिए किसी दल या गठबंधन के पास कम से कम 145 सीटों का होना आवश्यक है।
कांग्रेस और राकांपा ने मिलकर 15 वर्षों तक महाराष्ट्र पर शासन किया लेकिन इस चुनाव से पहले दोनों का गठबंधन टूट गया। चुनाव में कांग्रेस और राकांपा को पराजय का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने अब तक 41 सीटों पर जीत दर्ज की है और एक पर बढत बनाये हुए है। राकांपा ने 40 सीटें जीतीं और एक सीट पर बढत बनाये हुए है। राज ठाकरे की मनसे का प्रदर्शन काफी खराब रहा और वह मात्र एक सीट जीत पायी।
इस बीच महाराष्ट्र के आश्चर्यजनक सियासी घटनाक्रम में राकांपा ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन देने की पेशकश की, इसपर भाजपा ने कहा कि वह समर्थन की पेशकश पर विचार करके राज्य के हित में फैसला करेगी।
भाजपा ने साफ किया कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी और इस बात के पर्याप्त संकेत दिये कि वह राकांपा की बाहर से समर्थन की पेशकश के खिलाफ नहीं है।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने संवाददाताओं से कहा, 'लोकतंत्र के नियमों के अनुसार सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का अधिकार है। भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी।'
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