
आम आदमी पार्टी (आप) ने पार्टी पदाधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए टिकट दिलाने के बदले में धन मांगने के आरोप में आज उत्तर प्रदेश के दो पार्टी नेताओं को निष्कासित कर दिया।
दिल्ली में तिलक लेन स्थित अपने निवास पर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में अवध जोन की संयोजक अरुणा सिंह और हरदोई के कोषाध्यक्ष अशोक कुमार को लोकसभा चुनाव में टिकट दिलाने के लिए पैसे मांगने के आरोप में बर्खास्त करने की घोषणा की।
केजरीवाल ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों के दौरान हमें शिकायत मिली कि जिला स्तर पर हमारे पार्टी कार्यकर्ता पार्टी टिकट के बदले पैसे ले रहे हैं। हमने शुरू में इसे झूठ पाया’। उन्होंने कहा ‘इन दोनों ने संभावित उम्मीदवारों को टिकट दिलाने के लिए पैसे मांगे। हमें शिकायत मिली, जिसके बाद हमने सबूत मांगा। जब पार्टी ने सबूत पर गौर किया तब आरोप सही निकले’। उन्होंने कहा, ‘लेकिन, किसी तरह का लेन-देन नहीं हुआ। सबूत के आधार पर हमने दोनों को बर्खासस्त करने का फैसला किया’। आप संयोजक ने कहा कि पार्टी 3-4 और मामलों की जांच कर रही है।
पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि सीतापुर के राजेश कुमार ने आरेाप लगाया था कि टिकट के बदले पैसे लिए जा रहे हैं, जिसके बाद एक खबरिया चैनल द्वारा स्टिंग किया गया। केजरीवाल ने मीडिया और पार्टी से टिकट की उम्मीद पाले लोगों से भी किसी के द्वारा टिकट के बदले धन मांगने पर स्टिंग ऑपरेशन करने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट संदेश दे रहा हूं कि जो कोई भी टिकट के लिए पैसा देगा, उसका पैसा बर्बाद चला जाएगा। हम उस उम्मीदवार का टिकट भी रद्द कर देंगे जिसने पैसा दिया है’। हालांकि उन्होंने उत्तर पश्चिम दिल्ली से आप की उम्मीदवार और दिल्ली की पूर्व मंत्री राखी बिड़लान पर लगे आरोपों का खंडन किया। राखी ने पूर्व आप प्रत्याशी महेंद्र सिंह का स्थान लिया है। आरोप लगाया गया था बिड़लान ने सिंह के लिए प्रचार करने के लिए सात लाख रुपया मांगा था।
केजरीवाल ने कहा, ‘हमने उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच की। वे असत्य हैं’। उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह ने पार्टी को नहीं बताया था कि वह जेल भेजे गए थे।
इसके अलावा गुजरात सरकार द्वारा पक्ष लिए जाने के आरोपों का रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा खंडन किए जाने पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जवाब रिलायंस इंडस्ट्रीज के बजाय गुजरात सरकार से आया जान पड़ता है और यह ‘जनसंपर्क कवायद’ है।
रिलायंस ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर इसका खंडन किया था कि गुजरात के एक मंत्री से उसे लाभ मिला। उसने उसे बेबुनियाद बताया। बताया जाता है कि उक्त मंत्री कंपनी प्रमुख मुकेश अंबानी के रिश्तेदार हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं