द्रमुक से निकाले जाने के एक दिन बाद मदुरै के निवर्तमान सांसद एमके अलागिरी ने बुधवार को कहा कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपने छोटे भाई एमके स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा कि जो 'गलतियां' करते हैं, कार्रवाई उनके खिलाफ होनी चाहिए।
अपने रुख पर कायम रहते हुए अलागिरी ने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया, जिसकी वजह से उन्हें द्रमुक से निकाला गया। अलागिरी को मंगलवार को उनके पिता और द्रमुक अध्यक्ष करुणानिधि ने पार्टी से निकाल दिया था।
अलागिरी ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्होंने चुनावों में द्रमुक के खराब प्रदर्शन की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि पार्टी कुछ एक से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी।
नाराज अलागिरी ने कहा, मैंने कोई अपराध नहीं किया। जिन्होंने गलतियां की हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई न होने तक मैं चैन नहीं लूंगा। ऐसा कहते हुए उनका निशाना साफ तौर पर स्टालिन की तरफ था। अलागिरी द्रमुक कार्यकर्ताओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखते हैं और पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं।
उन्होंने दो दिन पहले अपने घर पर एमडीएमके अध्यक्ष वाइको के आने पर अपने खिलाफ लगे आरोपों पर भी सवाल किए। अलागिरी ने कहा, मैंने वाइको को अपने घर नहीं बुलाया था। अगर कोई मेरे घर आता है, तो मैं क्या कर सकता हूं?
अलागिरी की कार्रवाइयों और चुनाव में पार्टी की संभावनाएं कमजोर होने को लेकर की गई उनकी कुछ टिप्पणियों से नाराज होकर करुणानिधि ने उन्हें द्रमुक से निष्कासित कर दिया था। भाजपा, द्रमुक और एमडीएमके के उम्मीदवारों ने अलागिरी से मुलाकात कर 24 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनावों में समर्थन मांगा था।
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