Luthra Brothers Charges: गोवा के नाइटक्लब में लगी आग के बाद इस क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा देश छोड़कर भाग गए थे, जिन्हें लूथरा ब्रदर्स कहा जा रहा है. अब इन लूथरा ब्रदर्स को थाइलैंड के एक होटल से हिरासत में लिया गया है, बताया जा रहा है कि जल्द ही दोनों भाइयों को भारत लाया जा सकता है. इंटरपोल ने इनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिसके बाद विदेश में लूथरा ब्रदर्स को हिरासत में लिया गया. आज हम आपको बताएंगे कि लूथरा ब्रदर्स के खिलाफ अग्निकांड मामले में किन धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है और उन्हें कितने साल की सजा हो सकती है.
नाइटक्लब में क्या हुआ था?
गोवा के बीच के पास बने बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में अचानक आग लग गई, जिससे अंदर कई लोग फंस गए और इस हादसे में 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. मरने वालों में ज्यादातर इस क्लब में काम करने वाला स्टाफ था. इस घटना के कुछ ही घंटे बाद लूथरा ब्रदर्स ने अपना सामान पैक किया और सीधे थाइलैंड की फ्लाइट पकड़ ली. दोनों भागकर थाइलैंड के फुकेट चले गए, जहां से उन्हें हिरासत में लिया गया है.
किन धाराओं में दर्ज है मुकदमा?
लूथरा ब्रदर्स के खिलाफ गोवा पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. जिनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105, 125, 125(a), 125(b) और 287 शामिल हैं. इनमें आरोपियों को जमानत जरूर मिल सकती है, लेकिन अगर सजा हुई तो करीब पांच साल तक की जेल हो सकती है.
BNS 105: बीएनएस की इस धारा में गैर इरादतन हत्या के मामले आते हैं. आईपीसी में इसे धारा 304 कहा जाता था. हत्या की श्रेणी में नहीं आने वाली मौतों को इसमें रखा जाता है. इसके तहत आरोपी को कम से कम पांच साल की सजा और ज्यादा से ज्यादा 10 साल की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
BNS 125: किसी की लापरवाही के चलते दूसरों की जान खतरे में आती है तो बीएनएस की धारा 125 लगाई जाती है. इसमें अगर किसी की मौत होती है तो आरोपी को तीन साल तक की सजा और 10 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा इसी सेक्शन के 125ए और 125बी के तहत भी मामला दर्ज हुआ है.
BNS 287: आईपीसी के सेक्शन 285 को बीएनएस में 287 बनाया गया है. इसके तहत अगर कोई भी चीज आग पकड़ सकती है, उसकी सही से देखभाल करना जरूरी है. फायर सेफ्टी के मामले इसी के तहत आते हैं. गोवा के क्लब में भी आग को कंट्रोल करने के लिए जरूरी उपकरण नहीं थे और इमरजेंसी एग्जिट गेट भी नहीं बनाए गए थे. अगर आपकी गलती की वजह से आग लगी और ये लोगों के लिए खतरा बनती है तो आरोपी को 6 महीने तक की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है.
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